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बजट : जानिये क्या हुआ सस्ता क्या महंगा

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नयी दिल्ली : सिगरेट पीने और तंबाकू खाने वालों को अब ज्यादा जेबें ढीली करनी होगी. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2017-18 के अपने बजट में सिंगरेट और तंबाकू उत्पादों पर कर बढाने का प्रस्ताव किया है. इसके अलावा देश में एसेम्बल होने वाले मोबाइल फोन और एलईडी लाइट महंगे होंगे. वित्त मंत्री ने आयातित […]

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नयी दिल्ली : सिगरेट पीने और तंबाकू खाने वालों को अब ज्यादा जेबें ढीली करनी होगी. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2017-18 के अपने बजट में सिंगरेट और तंबाकू उत्पादों पर कर बढाने का प्रस्ताव किया है. इसके अलावा देश में एसेम्बल होने वाले मोबाइल फोन और एलईडी लाइट महंगे होंगे. वित्त मंत्री ने आयातित प्रिंटेड सर्किट बोर्ड तथा कल-पुर्जों पर शुल्क बढाने का प्रस्ताव किया है.

हालांकि वित्त मंत्री ने सोलर टेम्पर्ड ग्लास, फ्यूल सेल आधारित बिजली उत्पादन प्रणाली पवन उर्जा चालित उर्जा इकाइयों पर शुल्क कटौती कर स्वच्छ उर्जा को सस्ता बनाने का प्रयास किया है. जीएसटी के क्रियान्वयन की उम्मीद से बजट में कर ढांचे में बडे बदलाव से बचा गया है. इससे दैनिक रुप से उपयोग होने वाले ज्यादातर सामान के मामले में कोई बदलाव नहीं हुआ है. जेटली ने बजट प्रस्तुत करते हुए कहा, ‘‘जीएसटी के क्रियान्वयन से कर का दायरा बढने से केंद्र तथा राज्य सरकार दोनों को अधिक कर मिलने की संभावना है.

इसीलिए मैंने उत्पाद शुल्क और सेवा कर की मौजूदा व्यवस्था में बदलाव नहीं किया क्योंकि जल्दी ही इसका स्थान जीएसटी लेगा.’ इसके बावजूद तंबाकू और सिगरेट को नहीं छोडा गया. गैर-प्रसंस्कृति तंबाकू पर उत्पाद शुल्क को मौजूदा 4.2 प्रतिशत से बढाकर 8.3 प्रतिशत कर दिया गया जबकि पान मसाला पर उत्पाद शुल्क 6 प्रतिशत से बढाकर 9 प्रतिशत किया गया है.

इसी प्रकार, सिगार, चिलम (चरुट) पर उत्पाद शुल्क को 12.5 प्रतिशत या प्रति 1,000 नग पर 4,006 रुपये इनमें जो भी ज्यादा होगा, किया गया है. पहले यह 12.5 प्रतिशत या 3,755 रुपये प्रति 1,000 नग था. खैनी, जर्दा जैसे चबाने वाला तंबाकू पर भी उत्पाद शुल्क छह प्रतिशत से बढाकर 12 प्रतिशत किया गया है.इसी प्रकार, हाथ से बनी बीडी पर उत्पाद शुल्क मौजूदा 21 रुपये से बढाकर 28 रुपये प्रति 1,000 नग (बीडी) किया गया है. वहीं ‘पेपड रोल्ड’ बीडी के मामले में उत्पाद शुल्क 21 रुपये से बढाकर 78 रुपये प्रति 1,000 किया गया है. मोबाइल फोन में इस्तेमाल होने वाली पोपुलेटेड प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (पीसीबी) पर एसएडी 2 प्रतिशत होगा जो पहले शून्य होगा. इसी प्रकार, एलईडी लाइट के विनिर्माण में लगने वाले कल-पुर्जे पर मूल सीमा शुल्क 5 प्रतिशत और सीवीडी 6 प्रतिशत लगेगा जो पहले शून्य था.

बजट में की गयी घोषणा के तहत आयातित काजू (भुना हुआ, नमकीन) भी महंगा होगा. इस पर मूल सीमा शुल्क मौजूदा 30 प्रतिशत से बढाकर 45 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है. आयातित चांदी के मेडल, चांदी के सिक्के :चांदी की मात्रा 99.9 प्रतिशत से कम नहीं हो:, चांदी के अर्द्ध-विनिर्मित रुप तथा चांदी के सामान भी महंगे होंगे. क्योंकि इस पर अब 12.5 प्रतिशत सीवीडी लगेगा. वहीं दूसरी तरफ वित्त मंत्री ने ऐसी भी कुछ घोषणा की है जिससे उपभोक्ताओं को मदद मिलेगी.
आईआरसीटीसी की वेबसाइट के जरिये टिकट की बुकिंग अब सस्ती होगी क्योंकि इस पर सेवा शुल्क को वापस ले लिया गया है. ‘आरओ वाटर प्यूरिफायर’ भी थोडा सस्ता होगा. आयातित मेम्ब्रेन शीट और आरओ मेम्ब्रेन में उपयोग होने वाले उपकरण पर मूल सीमा शुल्क 12.5 प्रतिशत से कम कर 6 प्रतिशत किया गया है. हालांकि आरओ मेम्ब्रेन के उत्पादन को बढावा देने के लिये सरकार ने इस पर मूल सीमा शुल्क मौजूदा 7.5 प्रतिशत से बढाकर 10 प्रतिशत कर दिया है.
एलएनजी पर सीमा शुल्क की मूल दर पांच से घटा कर 2.5 प्रतिशत की गयी है. इससे बिजली और उर्वरक की लागत कम होगी. स्वच्छ उर्जा को बढावा देने के इरादे से सरकार ने सौर पैनल में उपयोग होने वाले सौर टेम्पर्ड ग्लास पर मूल सीमा शुल्क को पांच प्रतिशत से कम कर शून्य कर दिया गया है. इसी प्रकार, देश में स्थापित फ्यूल सेल आधारित बिजली उत्पादन प्रणाली के लिये जरुरी सभी मशीनरी पर सीमा शुल्क तथा सीवीडी को कम कर 5 और 6 प्रतिशत किया गया है जो पहले 10:7 और 12.5 प्रतिशत था.
साथ ही पवन चालित उर्जा उत्पादकों के लिये ‘कास्ट कंपोनेनेट’ के विनिर्माण में काम आने वाले रेजिन और उत्प्रेरक पर लगने वाला बीसीडी, सीवीडी और एसएडी (विशेष अतिरिक्त शुल्क) 24 प्रतिशत से कम कर 5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है. बजट में इन सामानों पर उत्पाद शुल्क शून्य करने का प्रस्ताव किया गया है जो फिलहाल 12.5 प्रतिशत है. चमडा उद्योग को बढावा देने के लिये जेटली ने बैग और जूते जैसे चमडा का उत्पाद बनाने में उपयोग होने वाले वनस्पति सत पर सीमा शुल्क 7.5 प्रतिशत से कम कर 2.5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया.
इसी प्रकार डिजिटल भुगतान को बढावा देने में मदद के लिए प्वाइंट आफ सेल कार्ड रीडर मशीन, अंगुली के निशान को पहचाने वाली मशीन भी सस्ती होंगी क्योंकि इन पर शुल्क को शून्य कर दिया गया है. साथ ही रक्षा सेवाओं के लिये सामूहिक बीमा को भी सस्ता बनाने का प्रस्ताव किया गया है. इसी प्रकार, हाथ से बनी बीडी पर उत्पाद शुल्क मौजूदा 21 रुपये से बढाकर 28 रुपये प्रति 1,000 नग (बीडी) किया गया है. वहीं ‘पेपड रोल्ड’ बीडी के मामले में उत्पाद शुल्क 21 रुपये से बढाकर 78 रुपये प्रति 1,000 किया गया है. मोबाइल फोन में इस्तेमाल होने वाली पोपुलेटेड प्रिंटेड सर्किट बोर्ड :पीसीबी: पर एसएडी 2 प्रतिशत होगा जो पहले शून्य होगा. इसी प्रकार, एलईडी लाइट के विनिर्माण में लगने वाले कल-पुर्जे पर मूल सीमा शुल्क 5 प्रतिशत और सीवीडी 6 प्रतिशत लगेगा जो पहले शून्य था.
बजट में की गयी घोषणा के तहत आयातित काजू :भुना हुआ, नमकीन( भी महंगा होगा. इस पर मूल सीमा शुल्क मौजूदा 30 प्रतिशत से बढाकर 45 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है. आयातित चांदी के मेडल, चांदी के सिक्के :चांदी की मात्रा 99.9 प्रतिशत से कम नहीं हो), चांदी के अर्द्ध-विनिर्मित रुप तथा चांदी के सामान भी महंगे होंगे. क्योंकि इस पर अब 12.5 प्रतिशत सीवीडी लगेगा. वहीं दूसरी तरफ वित्त मंत्री ने ऐसी भी कुछ घोषणा की है जिससे उपभोक्ताओं को मदद मिलेगी.
आईआरसीटीसी की वेबसाइट के जरिये टिकट की बुकिंग अब सस्ती होगी क्योंकि इस पर सेवा शुल्क को वापस ले लिया गया है. ‘आरओ वाटर प्यूरिफायर’ भी थोडा सस्ता होगा. आयातित मेम्ब्रेन शीट और आरओ मेम्ब्रेन में उपयोग होने वाले उपकरण पर मूल सीमा शुल्क 12.5 प्रतिशत से कम कर 6 प्रतिशत किया गया है. हालांकि आरओ मेम्ब्रेन के उत्पादन को बढावा देने के लिये सरकार ने इस पर मूल सीमा शुल्क मौजूदा 7.5 प्रतिशत से बढाकर 10 प्रतिशत कर दिया है.

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