एन. चंद्रशेखरन : टीसीएस का प्रदर्शन और टाटा का भरोसा आया काम

24 अक्‍तूबर 2016 को जब सायरस मिस्‍त्री को बाहर का रास्ता दिखाया गया तो टाटा संस ने अपने जारी बयान में कहा था कि नये चेयरमैन की घोषणा चार महीने (24 फरवरी 2017) में कर दी जायेगी. साथ ही यह भी कहा गया कि नये चेयरमैन पांच सदस्यीय सर्च कमिटी द्वारा चुने जायेंगे. कमेटी में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 13, 2017 12:46 PM
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24 अक्‍तूबर 2016 को जब सायरस मिस्‍त्री को बाहर का रास्ता दिखाया गया तो टाटा संस ने अपने जारी बयान में कहा था कि नये चेयरमैन की घोषणा चार महीने (24 फरवरी 2017) में कर दी जायेगी. साथ ही यह भी कहा गया कि नये चेयरमैन पांच सदस्यीय सर्च कमिटी द्वारा चुने जायेंगे. कमेटी में टाटा संस के अंतरिम चेयरमैन रतन टाटा, टीवीएस ग्रुप के प्रमुख वेणु श्रीनिवासन, बेन कैपिटल के अमित चंद्रा, पूर्व राजनियक रोनेन सेन और लॉर्ड कुमार भट्टाचार्य शामिल थे.

कुछ विशेषज्ञों के अनुसार 103 बिलियन डॉलर वाले टाटा ग्रुप के दिमाग में पहले से ही उम्मीदवार का खाका साफ था. यह किसी बड़ी माथापच्ची का मामला नहीं था, हालांकि कई नाम शामिल किये गये थे, इनमें से कुछ नाम वैसे भी थे जो 2011 में सायरस मिस्‍त्री के साथ चेयरमैन बनने की होड़ में थे. 24 अक्‍तूर के बाद शुरुआती दिनों में टाटा संस बोर्ड हटाये जाने के बाद सायरस मिस्‍त्री द्वारा खड़ी की जा रही परेशानियों से निपटने में लगा रहा.

हालांकि सूत्रों के अनुसार, सर्च कमिटी के अलावा टाटा ट्रस्ट के वाइस चेयरमैन एनए सुनावाला और रतन टाटाके बेहद करीबी और टाटा ट्रस्‍ट के ट्रस्टी आरके कृष्‍णा कुमार अगले चेयरमैन के लिए हो रही चर्चा में नजदीकी तौर से शामिल थे. हालांकि टाटा संस के प्रवक्‍ता की ओर से कहा गया है कि चयन सिमित के अलावा कोई भी इस प्रक्रिया में शामिल नहीं रहा है. अंदरुनी सूत्रों के अनुसार पूरी चर्चा इस बात पर केंद्रित रही कि उम्मीद देश का हो या फिर विदेश से या फिर कंपनी के भीतर से. सूत्रों के अनुसार रतन टाटा और कृष्णा कुमार चेयरमैन पद पर पूर्ण तौर पर एक प्रोफेशनल शख्सीयत को चाहते थे, चाहे वह बाहर का हो या कंपनी के अंदर से.

जिन नामों पर चर्चा की गयी, उनमें जगुआर लैंड रोवर के रॉल्फ स्पेथ, टीसीएस के सीइओ और एमडी एनचंद्रशेखरन और हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड के गैर कार्यकारी चेयरमैन हरीश मनवानी शामिल थे. चयन समिति को भरोसा था कि इनमें से कोई भी इसपद के लिए सही उम्मीदवार हो सकता है.

सूत्रों के अनुसार, मनवानी बड़े उम्मीदवार के तौर पर सामने थे, लेकिन उम्र के कारण और उनका कंपनी केभीतर से नहीं होना चयन में आड़े आया. चयन सिमित के साथ-साथ सुनावालाऔर कृष्णा कुमार भी इस पर सहमत थे कि उम्मीदवार कंपनी के अंदर से हीहो. मिस्‍त्री के कारण पैदा हुए स्थिति के कारण भी यह धारणा बन रही थी. साथही रतन टाटा अपेक्षाकृत युवा चेयरमैन के पक्ष में थे, यहां चंद्रशेखरन ने बाजीमारी वे 53 साल के थे, जबिक मनवारी 64 साल के. साथ ही चंद्रशेखरन ग्रुप केभीतर से ही थे.

टाटा संस के प्रवक्‍ता के अनुसार चयन सिमित ने चंद्रशेखरन कोएकमत से चुना है. प्रतिद्वंद्वी का सवाल पैदा ही नहीं होता. अंतत: टीसीएस में चंद्रशेखरन का शानदार ट्रैक रिकॉर्ड, रतन टाटा के साथ तालमेल और मिस्‍त्री की तरह वह नाव डूबोने का काम नहीं करेंगे इस भरोसे ने उनके चयन को हरी झंडी दे दी.

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