23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

उम्मीद के मुताबिक शेयर बाजार से नहीं मिल पाया रिटर्न, साल 2016 में निवेशकों को मिली निराशा

Advertisement

नयी दिल्ली: वर्ष 2016 शेयर बाजार निवेशकों के लिए कुछ ‘खास’ नहीं रहा. वैश्विक घटनाक्रम और नोटबंदी की वजह से यह ऐसा साल रहा जिससे शेयर बाजार निवेशकों को कोई रिटर्न नहीं मिला. विश्लेषकों का मानना है कि कम से कम अगले छह महीने तक बाजार में सुधार की बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं दिखाई देती. […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

नयी दिल्ली: वर्ष 2016 शेयर बाजार निवेशकों के लिए कुछ ‘खास’ नहीं रहा. वैश्विक घटनाक्रम और नोटबंदी की वजह से यह ऐसा साल रहा जिससे शेयर बाजार निवेशकों को कोई रिटर्न नहीं मिला. विश्लेषकों का मानना है कि कम से कम अगले छह महीने तक बाजार में सुधार की बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं दिखाई देती. पूरे साल के दौरान कभी उपर तो कभी नीचे होने के बाद शेयर बाजार अंतत: लगभग पिछले साल के स्तर पर ही पहुंच गया.

- Advertisement -

यह लगातार दूसरा साल है जब शेयर बाजार निवेशकों की उम्मीद पर खरा नहीं उतर पाया। पिछले वर्ष 2015 में तो बंबई शेयर बाजार सेंसेक्स ने निवेशकों को पांच प्रतिशत नुकसान में रखा, इस लिहाज से इस साल को कुछ बेहतर माना जा सकता है. वर्ष 2016 के पहले दिन यानी एक जनवरी को सेंसेक्स 26,307 अंक पर बंद हुआ था, वहीं 21 दिसंबर को सेंसेक्स 26,242 अंक पर बंद हुआ. इस लिहाज से देखा जाए, तो 2016 का साल ऐसा रहा जबकि सेंसेक्स लगभग ‘फ्लैट’ रहा है. ग्लोब कैपिटल मार्किट लि. के चेयरमैन अशोक अग्रवाल ने ‘भाषा’ से कहा कि इस साल वैसे तो बाजार पूरे साल उपर नीचे होता रहा, लेकिन सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद से यह लगातार नीचे आ रहा है.

अग्रवाल का मानना है कि अभी कम से कम छह महीने तक सेंसेक्स में बहुत अधिक सुधार की उम्मीद नहीं दिखती. हालांकि, अग्रवाल ने उम्मीद जताई कि सरकार बजट में करों के मोर्चे पर कुछ राहत दे सकती है, साथ ही ब्याज दरों में भी कमी आने की संभावना है. इसके बाद बाजार मंे कुछ तेजी आएगी। हालांकि, इसके साथ ही वह मानते हैं कि यदि विदेशी संस्थागत निवेशक लिवाली करते हैं, तो आने वाले दिनों में बाजार की स्थिति सुधर सकती है. ऐसा भी नहीं है कि बाजार में बहुत अधिक उतार-चढाव आए, यह सीमित दायरे में ही रहेगा.

आजाद फाइनेंशियल सर्विसेज प्राइवेट लि. के निदेशक अमित आजाद ने कहा, ‘‘इस साल शेयर बाजार फ्लैट रहा है. सरकार द्वारा नोटबंदी के कदम के बाद से बाजार कुछ नीचे आया है, हालांकि, बाजार की बेहतरी के लिए उम्मीद है कि सरकार नीतिगत मोर्चे पर कुछ ऐसे कदम उठाएगी, जिससे अगले साल बाजार की स्थिति सुधरेगी।’ आजाद कहते हैं कि अभी हर जगह सुस्ती है. उद्योग से लेकर छोटे बडे व्यापार तक। यहां तक कि मुद्रास्फीति भी अभी नीचे है. ऐसे में बाजार से बहुत उम्मीद करना बेमानी होगा.

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 2016 के पहले दिन 7,963 अंक पर बंद हुआ था, जबकि अभी यह 8,000 अंक के आसपास है. इस लिहाज से निफ्टी में भी निवेशकों को काफी सीमित रिटर्न ही मिला है.सीएनआई रिसर्च लि. के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक किशोर पी. ओस्तवाल भी कमोबेश यही राय रखते हैं. ओस्तवाल ने कहा कि नोटबंदी का अभी प्रभाव है. इसके अलावा वैश्विक कारण भी हैं, जो बाजार को प्रभावित कर रहे हैं. उन्होंने भी कहा कि यदि सरकार बजट और उसके बाद बाजार की उम्मीदों के अनुरुप कदम उठाती है, जैसे कि कर कम होते हैं, ब्याज दरें नीचे आती हैं, तो जून, 2017 में निफ्टी 9,000 अंक के स्तर पर पहुंच सकता है.

पिछले कुछ साल की बात की जाए, तो 2015 मंें सेंसेक्स में निवेशकों को करीब पांच प्रतिशत का नुकसान हुआ थe. पिछले कुछ वर्षों में निवेशकों को सबसे अधिक नुकसान 2008 की वैश्विक मंदी में हुआ था. 2008 में सेंसेक्स में भी निवेशकों को 100 प्रतिशत से अधिक का नुकसान हुआ था. हालांकि, 2009 में कमजोर आधार प्रभाव की वजह से निवेशकों को 95 प्रतिशत का रिटर्न मिला था। 2010 में निवेशकों को जहां 15 प्रतिशत से अधिक का रिटर्न मिला, वहीं 2011 में निवेशकों को 25 प्रतिशत का नुकसान उठाना पड़ा. 2012, 2013 और 2014 के कैलेंडर वर्ष में भी शेयरों में निवेश करने वाले निवेशकों को अच्छा रिटर्न मिला. वर्ष 2014 में तो निवेशकों को करीब 30 प्रतिशत का रिटर्न मिला.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें