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नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने देश का पहला मिलाजुला आम व रेल बजट पेश करने से कुछ सप्ताह पूर्व रेलवे के गैर प्रमुख कामकाज मसलन आतिथ्य सेवाओं की आउटसोर्सिंग पर जोर दिया है. साथ ही वित्त मंत्री ने लेखा प्रणाली की पारदर्शिता पर भी बल दिया है. वित्त मंत्री ने कहा कि रेलवे द्वारा अपने प्रदर्शन तथा आंतरिक प्रबंधन प्रणाली को मजबूत करना जरुरी है अन्यथा वह यात्री तथा माल परिवहन में अन्य क्षेत्रों मसलन राजमार्ग तथा एयरलाइंस से पिछड़ जाएगा.
जेटली ने कहा, ‘रेलवे का प्रमुख काम ट्रेन चलाना और ये सेवाएं देना है. आतिथ्य या हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र रेलवे का प्रमुख काम नहीं है. ऐसे में इस तरह की गतिविधियों के लिए आउटसोर्सिंग को अपनाया जाना चाहिए. आउटसोर्सिंग का सिद्धान्त आज दुनियाभर में स्वीकार्य है.’
सीआईआई द्वारा आयोजित रेलवे में लेखा सुधारों पर सम्मेलन को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा कि साल दर साल सरकारें सिर्फ लोकलुभावन के लिए काम करती रहीं. लोग रेल बजट को सिर्फ यह जानने के लिए सुनते थे कि कितनी नयी ट्रेनों की घोषणा की गयी है. उन्होंने कहा कि रेलवे की योजना नकदी की प्रणाली से संग्रहण की प्रणाली में स्थानांतरित होने की है. ऐसे में लेखा सुधार बेहतर तरीके से प्रदर्शन को दिखाएंगे.
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