जीएसटी : छोटे कारोबार पर एकल नियंत्रण को लेकर अडिग हैं राज्य
नयी दिल्ली : जीएसटी के तहत कर आकलन के क्षेत्राधिकार को लेकर राज्यों व केंद्र की बैठक इस सप्ताह होनी है और केरल, पश्चिम बंगाल व दिल्ली सहित अधिकांश राज्य छोटी फर्मों पर संपूर्ण नियंत्रण के अपने रुख पर कायम हैं. यहां छोटी फर्मों से आशय उन फर्मों या इकाइयों से है जिनका कारोबार 1.5 […]
नयी दिल्ली : जीएसटी के तहत कर आकलन के क्षेत्राधिकार को लेकर राज्यों व केंद्र की बैठक इस सप्ताह होनी है और केरल, पश्चिम बंगाल व दिल्ली सहित अधिकांश राज्य छोटी फर्मों पर संपूर्ण नियंत्रण के अपने रुख पर कायम हैं. यहां छोटी फर्मों से आशय उन फर्मों या इकाइयों से है जिनका कारोबार 1.5 करोड रुपये से कम है. केरल के वित्त मंत्री थामस इसाक ने आज कहा कि कर के संग्रहण के लिए तथा आडिट के उद्देश्य से करदाताओं के विभाजन से छोटे करदाताओं को दिक्कतें खड़ी होंगी.
इसाक ने कहा,‘ केरल, बंगाल, तमिलनाडु, बिहार, दिल्ली, ओडिशा … अधिकांश राज्य (दोहरा नियंत्रण ढांचा) चाहते है. 1.5 करोड़ कारोबार से नीचे राज्य कर लगाएं जबकि 1.5 करोड़ रुपये से उपर के लिए इसे दोफाड या स्पष्ट विभाजित किया जा सकता है. ‘ उल्लेखनीय है कि जीएसटी परिषद की बैठक चार नवंबर को हुई थी जिसमें करदाताओं की श्रेणियों पर सहमति नहीं बन पाई. यानी कौनसी श्रेणी के करदाता केंद्र व कौनसे राज्यों के दायरे में आएंगे इस पर सहमति नहीं बनी. राज्यों के वित्त मंत्री अब 20 नवंबर को वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिलेंगे. जीएसटी परिषद की आगामी बैठक 24-25 नवंबर को होनी है.
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