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नयी दिल्ली : विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मोटापे और मधुमेह जैसे रोगों पर लगाम लगाने के लिए सरकारों से मीठे पेय पदार्थों पर राजकोषीय प्रतिबंध जैसे कि कर इत्यादि लगाने को कहा है ताकि इनके उपभोग को हतोत्साहित किया जा सके. वैश्विक स्वास्थ्य संगठन ने अपनी नवीनतम रपट में ऐसी राजकोषीय नीति अपनाने की जरुरत को दोहराया गया है जिसमें फलों और सब्जियों पर सब्सिडी दी जाए एवं अस्वास्थ्यकर खाद्य विकल्पों पर कर लगाया जाए.
‘खानपान एवं गैर-संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए राजकोषीय नीति’ नाम की इस रपट के अनुसार, ‘ऐसे वाकये हैं जिसके हिसाब से मीठे पेय पदार्थों पर कर ढांचे को तर्कसंगत बनाए जाने से उनके उपभोग में कमी देखी गई है विशेषकर जब उनकी खुदरा बिक्री की कीमत को 20 प्रतिशत या उससे अधिक तक बढा दिया जाए.’ रपट में कहा गया है कि ताजे फलों और सब्जियों पर सब्सिडी उपलब्ध कराकर उनके दाम 10-30 प्रतिशत तक कम करने से ऐसे स्वास्थ्यवर्द्धक उत्पादों के उपभोग को बढाया जा सकता है.
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