व्यापार में बढ़ते संरक्षणवाद के सुर पर जेटली चिंतित

मुंबई : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज पश्चिमी अर्थव्यवस्थाआें, विशेषरूप से अमेरिकामें बढती संरक्षणवाद की प्रवृत्ति पर चिंता जतायी. हालांकि, उन्हाेंने उम्मीद जतायी कि दुनिया की सबसेबड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिकामें राष्ट्रपति चुनाव के बाद कारोबारी कामकाज सामान्य हो जाएगा. जेटली ने आज निवेश प्रवाह पर ब्रिक्स संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मेरा मानना है […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 13, 2016 4:30 PM

मुंबई : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज पश्चिमी अर्थव्यवस्थाआें, विशेषरूप से अमेरिकामें बढती संरक्षणवाद की प्रवृत्ति पर चिंता जतायी. हालांकि, उन्हाेंने उम्मीद जतायी कि दुनिया की सबसेबड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिकामें राष्ट्रपति चुनाव के बाद कारोबारी कामकाज सामान्य हो जाएगा. जेटली ने आज निवेश प्रवाह पर ब्रिक्स संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मेरा मानना है कि आज धरातल पर जो संकेतक दिखाई दे रहे हैं, उसके अनुसार विकसित दुनिया का एक हिस्सा संरक्षणवाद की ओर बढ़ रहा है. ये चिंताएं वास्तविक हैंक्योंकि इस तरह की नीतियाें के फैलने का दुनिया के अन्य हिस्सा पर काफी प्रतिकूल असर पड़ सकता है.’ हालांकि वित्त मंत्री ने अमेरिका के राष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप का नाम नहीं लिया. उन्हाेंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि ये भय वास्तविक है, क्याेंकि अधिक से अधिक संरक्षणवादी होता जा रहा है.’

उन्हाेंने कहा कि जिस तरह से ब्रेक्जिट के बाद ब्रिटेन खुली अर्थव्यवस्था बना रहना चाहता है, अमेरिकामें भी राष्ट्रपति चुनाव संपन्न होने के बाद इस तरह के खतरे समाप्त हो जाएंंगे. अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 8 नवंबर को है. वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘मेरा खुद का अनुभव है कि चुनाव के दौरान कुछ बयान राजकाज के संचालन के बोझ की वजह से दिए जाते हैं. चुनाव के दौरान बहस का रख संरक्षणवाद का होता है और बादमें सब कुछ सामान्य हो जाता है. ऐसेमें हमें इंतजार करना होगा. उम्मीद की जानी चाहिए कि चुनाव की गर्मी निकल जाने के बाद मुक्त व्यापार वापस लौटेगा.’

ट्रंप व्यापारमें संरक्षणवाद की बात कर रहे हैं और उन्हाेंने अन्य देशों के साथ अमेरिका के मुक्त व्यापार समझौताें को समाप्त करने की चेतावनी दी है. इसके अलावा उन्हाेंने अमेरिकी कंपनियाें द्वारा चीन को स्थानांतरित किए गए विनिर्माण को वापस लाने की भी बात कही है. इसी तरह ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के पक्षमें मतदान करने की प्रमुख वजह बेहतर शिक्षित आव्रजकाें की तुलनामें कम शिक्षित स्थानीय को हो रहा नौकरियां का नुकसान है. जेटली ने कहा कि हालांकि ब्रेक्जिट के बाद ब्रिटेन साबित करता है कि वैश्वीकरण वास्तविकता है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘मुझे यह देखकर हैरानी हुई जब ब्रिटेन के अधिकारियाें ने मुझसे कहा कि इसे संरक्षणवाद के संकेत केरूप में न देखा जाए और मुक्त व्यापार को लेकर हमारी नीति जारी रहेगी.’

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