रेटिंग एजेंसी फिच का अनुमान, राजन के जाने से भारत की आर्थिक सेहत पर नहीं पड़ेगा असर

नयी दिल्ली: प्रमुख वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच ने रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन के जाने से भारत की वित्तीय साख पर किसी तरह की आंच आने की आशंकाओं को खारिज किया है. एजेंसी ने कहा है कि ‘व्यक्तियों से ज्यादा महत्व नीतियों का होता है. ‘ राजन ने कहा है कि वह भारतीय रिजर्व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 20, 2016 3:44 PM

नयी दिल्ली: प्रमुख वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच ने रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन के जाने से भारत की वित्तीय साख पर किसी तरह की आंच आने की आशंकाओं को खारिज किया है. एजेंसी ने कहा है कि ‘व्यक्तियों से ज्यादा महत्व नीतियों का होता है. ‘ राजन ने कहा है कि वह भारतीय रिजर्व बैंक के प्रमुख के पद पर अपने तीन साल के वर्तमान कार्यकाल का विस्तार नहीं चाहते जो 4 सितंबर को पूरा हो रहा है.

फिच ने राजन के योगदान की तरीफ करते हुए कहा कि उन्होंने कई महत्वपूर्ण नीतिगत कदम उठाए है. एजेंसी का कहना है कि राजन के उत्तराधिकारी को विरासत में एक मजबूत आधार मिलेगा. फिच के एशिया प्रशांत क्षेत्र में सरकारों की वित्तीय साख का विश्लेषण करने वाले समूह के निदेशक थामस रुकमाकर ने कहा, ‘ रेटिंग की दृष्टि से व्यक्तियों की तुलना में नीतियां अधिक महत्वपूर्ण होती हैं.’ उन्होंने कहा है कि भारत में ऊंची मुद्रास्फीति और बैकों की बैलेंसशीट की कमजोरी की समस्याओं की पहचान कर ली गयी है. नीति निर्माता इस संबंध में कार्रवाई कर रहे हैं. इसमें नई नतिगत व्यवस्था भी शामिल है.
रुकमाकर ने कहा, ‘ऐसी संस्थागत व्यवस्था के लिए जरुरी है कि इन नीतियों को गवर्नर के अलावा भी लोगों का समर्थन मिले जिसमें सरकारी अधिकारियों तथा रिजर्व बैंक के अंदर की व्यापक व्यवस्था भी शामिल हो. ‘ फिच ने भारत को फिलहाल ‘बीबीबी-‘ रेटिंग दे रखी है. यह निवेश कोटि वित्तीय साख में सबसे निम्न कोटि की साख है जो ‘रद्दी’ कोटि से एक पायदान उपर है. पर उसने भविष्य के परिदृश्य को मजबूत बताया है और अनुमान लगाया है कि चालू वित्त वर्ष 2016-17 में भारत की आर्थिक वृद्धि 8 प्रतिशत होगी.

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