जानें, विजय माल्या को है किस बात का अफसोस ?

नयी दिल्ली: बंद पडी किंगफिशर एयरलाइन्स पर बकाया कर्ज की वसूली को लेकर मुश्किल में पडे उद्योगपति विजय माल्या आज भी अपने रूख पर कायम है और उनका कहना है कि उन्हें ‘एक ही अफसोस है’ कि उनकी विमानन कंपनी ऐसे समय में परिचालन नहीं कर पा रही जबकि कच्चे तेल की कीमत इतनी कम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 3, 2016 7:29 PM

नयी दिल्ली: बंद पडी किंगफिशर एयरलाइन्स पर बकाया कर्ज की वसूली को लेकर मुश्किल में पडे उद्योगपति विजय माल्या आज भी अपने रूख पर कायम है और उनका कहना है कि उन्हें ‘एक ही अफसोस है’ कि उनकी विमानन कंपनी ऐसे समय में परिचालन नहीं कर पा रही जबकि कच्चे तेल की कीमत इतनी कम है. गौरतलब है कि किंगफिशन पर चढे कर्जों की वसूली के लिए बैंक उनके पीछे पडी है.

माल्या ने कहा, ‘‘मुझे कोई ऐसा अफसोस नहीं है. शायद एक ही पछतावा है कि किंगफिशर एयरलाइन्स आज उडान नहीं भर पा रही जबकि कच्चे तेल की कीमत इतनी कम है.’ वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमत 2014 के मध्य में दर्ज उच्चतम स्तर से करीब 75 प्रतिशत टूट चुकी है. भारत में विमानन कंपनी अब भी शिकायत करती हैं कि कच्चे तेल में नरमी के अनुरूप देश में विमानन इंर्धन की कीमतें नहीं घटी हैं. बावजूद इसके एयरलाइनों की ईंधन की लागत 30-40 प्रतिशत घटी है.
ज्यादातर विमानन कंपनियों का वित्तीय नतीजा कच्चे तेल में नरमी के कारण अच्छा रहा.माल्या को अपने बेहतर दौर में ‘‘अच्छे समय का शहंशाह ‘ के तौर पर जाने जानेवाल माल्या को हाल ही में यूनाइटेड स्पिरिट्स के चेयरमैन पद से हटना पड़ा. गौरतलब है कि यूनाइटेड स्पिरिट्स की स्थापना उनके परिवार ने की थी जिसकी हिस्सेदारी ब्रिटेन की शराब कंपनी डियाजियो को बहुलांश हिस्सेदारी बेची है. इस सौदे के मुताबिक डियाजियो ने निदेशक मंडल में साल भर चले संघर्ष के बाद माल्या को 7.5 करोड डालर का भुगतान करने पर सहमति जताई है.
इस सौदे को अंतिम स्वरुप दिया गया जबकि कम से कम तीन सरकारी बैंकों ने यूनाइटेड ब्रियूरीज होल्डिंग लिमिटेड को जानबूझकर चूक करने वाला करार दिया ताकि हजारों करोड़ रुपये का ऋण वसूला जा सके.किसी दौर में सबसे अधिक आलीशान विमानन कंपनी मानी जाने चाली किंगफिशर का परिचालन भारी-भरकम ऋण और तेल कंपनियों तथा विमानन कंपनियों समेत विभिन्न स्तरों पर भुगतान चूक के संकट के बीच वित्तीय संकट से जूझ रही अक्तूबर 2012 में बंद कर दिया गया था.उनकी लंबी पेशेवर यात्रा के बारे में पूछने पर माल्या ने कहा कि उनके पास साबित करने के लिए कुछ भी नहीं है. माल्या को यूबी समूह अपने पिता से 28 साल की उम्र में विरासत में मिला था.
माल्या ने डियाजियो के निपटान के बाद एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘मैंने भारत की सबसे बडी बीयर कंपनी बनाई. मैंने भारत की सबसे बडी शराब कंपनी बनाई. ठीक है, किंगफिशर एयरलाइन्स का काम ठीक नहीं रहा। लेकिन उसकी कई वजहें हैं जिनकी वजह से ऐसा हुआ.’ उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा नहीं है कि वह(एयरलाइन) बेवकूफी से बंद हो गयी .. वास्तविक वजहें थीं. … जीवन में उतार-चढाव होते रहते हैं. मेरे पास काफी कुछ है जिस पर मैं गर्व कर सकता हूं.’ अपने तड़क-भड़क और आलीशान पार्टियों के लिए जाने जाने वाले माल्या ने इस आलोचना को भी खारिज किया कि उन्होंने डियाजियो सौदे के बाद ज्यादा वक्त इंग्लैंड में बिताने का फैसला किया है.
उन्होंने कहा, ‘‘इंग्लैंड में लंबे समय में मेरा आवास है .. इसमें नया क्या है? मैंने इतना ही कहा कि मैं अपने परिवार के साथ ज्यादा समय बिताना चाहूंगा.’ भारतीय स्टेट बैंक ने कल ऋण भुगतान में चूक के मद्देनजर यूबी समूह के प्रवर्तक के खिलाफ कार्रवई करने की मांग को लेकर ऋण वसूली ट्रिब्यूनल को संपर्क किया था. बैंक ने उनकी गिरफ्तार और पासपोर्ट जब्त किए जाने की भी मांग की है.एसबीआई 17 बैंकों के उस कंसोर्टियम का प्रमुख बैंक है जिसने किंगफिशर को ऋण दिया है. बैंक ने विमानन कंपनी के अध्यक्ष माल्या से 7,000 करोड़ रुपये ऋण वसूल करने के लिए ट्रिब्यूनल से संपर्क किया है.

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