नीरा राडिया का स्वास्थ्य क्षेत्र में कदम, टाटा ने किया पहले अस्पताल का उद्घाटन

मथुरा: कंपनियों के लिये पूर्व में जनसंपर्क का काम करने वाली बहुचर्चित नीरा राडिया ने स्वास्थ्य सेवा कारोबार में कदम रखते हुये ‘नयाती हेल्थकेयर’ के तहत अस्पताल शुरू किया है. इस अस्पताल का आज यहां दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा ने उदघाटन किया.राडिया ने कहा कि नयाती हेल्थकेयर की अमृतसर में अस्पताल खोलने की योजना है […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 28, 2016 7:45 PM
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मथुरा: कंपनियों के लिये पूर्व में जनसंपर्क का काम करने वाली बहुचर्चित नीरा राडिया ने स्वास्थ्य सेवा कारोबार में कदम रखते हुये ‘नयाती हेल्थकेयर’ के तहत अस्पताल शुरू किया है. इस अस्पताल का आज यहां दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा ने उदघाटन किया.राडिया ने कहा कि नयाती हेल्थकेयर की अमृतसर में अस्पताल खोलने की योजना है जबकि मथुरा का अस्पताल क्षेत्र में कैंसर इलाज का प्रमुख केंद्र होगा.

टाटा ने 351 बिस्तरों वाले अत्याधुनिक अस्पताल का उद्घाटन करते हुए कहा, ‘‘लोगों की सेवा करने के जज्बे और व्यक्तिगत त्याग के साथ एक पूर्ण रूप से आधुनिक अस्पताल मथुरा में स्थापित किये जाने को देखकर प्रफुल्लित हूं.” टाटा समूह के मानद चेयरमैन ने कहा कि अस्पताल क्षेत्र के लोगों को चिकित्सा सहायता एवं स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराएगा.राडिया ने कहा कि अस्पताल न केवल पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों को सेवा उपलब्ध कराने को तैयार है बल्कि पूरे उत्तर भारत के लिये एक उत्कृष्ठ केंद्र के रुप में काम करेगा.
उन्होंने कहा कि अस्पताल का मकसद मरीजों के इलाज के जरिये बीमारी के शारीरिक, संवेदनात्मक और आर्थिक बोझ को कम करना है जो छोटे एवं मझोले शहरों में रहने वाले आम लोगों के जीवन को परेशानियों से भर देता है.नयाती हेल्थकेयर एंड रिसर्च प्राइवेट लि. ने मझोले एवं छोटे शहरों में परिचालन शुरू करने का फैसला किया है.सुर्खियों में रहीं नीरा राडिया एक समय कंपनियों के लिये लांबिंग का काम करती थी. लेकिन कुछ साल पहले प्रमुख राजनेताओं, उद्योगपतियों तथा मीडियाकर्मियों से कथित बातचीत का टैप लीक होने के बाद वह विवादों में घिर गयीं.
उसके बाद उन्होंने अपनी जन-संपर्क कंपनी वैष्णवी कारपोरेट कम्युनिकेशंस तथा उसकी अन्य इकाइयों को बंद कर दिया। पुराने अनुभव के बारे में पूछे जाने पर राडिया ने कहा कि उन्हें कोई अफसोस नहीं है.उन्होंने कहा, ‘‘मैं कभी भी ‘कार्पोरेट कम्युनिकेशंस पर्सन’ नहीं थी और न ही कंपनियों के लिये लाबिंग का काम करती थी जैसा कि वे मुझे बुलाते रहे थे.. सफलता की कीमत होती है लेकिन मुझे उसका कोई अफसोस नहीं है.” उन्होंने कहा, ‘‘मुझे क्या इसके लिये अफसोस करना चाहिये कि मैंने कार्पोरेट क्षेत्र में काम किया? मेरे मुताबिक इससे मुझे काफी अनुभव मिला

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