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बजट 2016-17 की तैयारी अंतिम चरण में, बजट सत्र मंगलवार से

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नयी दिल्ली : आम बजट पेश होने में एक सप्ताह का समय शेष रह गया है और इसकी तैयारियां अब अंतिम चरण में हैं . वित्त मंत्री अरण जेटली पहले ही कह चुके हैं कि यह लोक लुभावन बजट नहीं होगा, बल्कि इसमें देश में निवेश की कमी से जुडी समस्याओं को हल करने की […]

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नयी दिल्ली : आम बजट पेश होने में एक सप्ताह का समय शेष रह गया है और इसकी तैयारियां अब अंतिम चरण में हैं . वित्त मंत्री अरण जेटली पहले ही कह चुके हैं कि यह लोक लुभावन बजट नहीं होगा, बल्कि इसमें देश में निवेश की कमी से जुडी समस्याओं को हल करने की कोशिश की जाएगी.

संसद का बजट सत्र 23 फरवरी, मंगलवार को शुरु होने जा रहा है. 2016-17 का आम बजट लोक सभा में अगले सोमवार, 29 फरवरी को पेश किया जाएगा. इस बीच यद्यपि बजट की तैयारियों लगे नार्थ ब्लाक (वित्त मंत्रालय) में परंपरागत गोपनीयता बरती जा रही है, पर इस साल ऐसा पहला मौका है जब वित्त मंत्रालय में सचिवों ने आम बजट 2016-17 की दिशा का संकेत देने के लिए यूट्यूब का सहारा लिया है. अपने खुद के यूट्यूब चैनल का उपयोग करते हुए मंत्रालय ने बजट का महत्व दर्शाया हैं.
मंत्रालय ने बजट को प्रस्तुत करने के लिए वित्त मंत्री द्वारा बजट पत्रों को चमडे के एक ब्रीफकेस में ले जाने की परिपाटी को भी प्रदर्शित किया है.आमतौर पर बजट की तैयारी में लगी नार्थ ब्लाक के संबंधित हिस्से में जनवरी के शुर से ही पत्रकारों एवं आम जनता का प्रवेश बंद कर दिया जाता है. इसके साथ ही नार्थ ब्लाक में आने वाली और यहां से बाहर जाने वाली हर चीज को विशेष एक्स-रे स्कैन से गुजार कर उस पर पैनी नजर रखी जाता है. साथ ही शक्तिशाली मोबाइल फोन जैमर यंत्र लगा दिये जाते हैं ताकि मोबाइल फोन काल से किसी सूचना को बाहर न किया जा सके. वरिष्ठ अधिकारियों व प्रक्रिया में शामिल कर्मचारियों के कार्यालयों में इंटरनेट कनेक्शन बंद कर दिए जाते हैं और नार्थ ब्लाक की बजट शाखा एक वार-रुम की तरह काम करने लगती है
लोकसभा में बजट पेश होने तक नार्थ ब्लाक में सुरक्षा के उच्चतम स्तर के उपाय लागू रहते हैं. इस क्षेत्र की सुरक्षा में खुफिया कार्यालय :आईबी:, दिल्ली पुलिस और सीआईएसएफ सभी शामिल रहते हैं. इस बार बजट की तैयारी का अंतिम चरण शुक्रवार को हलवा समारोह के साथ शुरु हो गया. इसमें आम बजट के दस्तावेजों की छपाई की प्रक्रिया शुरु होती है. इस समारोह में कोई पूजा अर्चना नहीं होती. जेटली और इस बजट की तैयारियों से जुडे अधिकारी नार्थ ब्लाक के बेसमेंट में स्थित प्रिंटिंग प्रेस में एकत्र हुए और एक दूसरे को शुभकामनाएं देते हुए हलवा बांटा.
इसके साथ ही बजट के दिन के लिए उलटी गिनती शुरु हो गई. बजट आमतौर पर फरवरी के अंतिम दिन पेश किया जाता है और इस साल फरवरी का आखिरी दिन 29 फरवरी, सोमवार को पड रहा है. इसके कुछ सप्ताह बाद पश्चिम बंगाल, केरल और असम जैसे राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. इन सभी दस्तावेजों की सुरक्षा एक ‘नीला जैकेट’ करता है. इसे नीला जैकेट इसलिए भी कहते हैं क्योंकि इसमें बजट के लिए महत्वपूर्ण संख्या होते हैं. मंत्रालय का संयुक्त सचिव (बजट) इसका प्रभारी होता है और वह किसी को भी यहां तक कि वित्त मंत्री को भी इसे नार्थ ब्लाक से बाहर ले जाने नहीं देता. बजट बनाने की संपूर्ण प्रक्रिया के दौरान मंत्रालय के कुछ ही अधिकारी इस दस्तावेज को देख पाते हैं. वित्त मंत्री का भाषण, बजट पेश होने से कुछ घंटे पहले ही तैयार किया जाता है.
इस बार का बजट इस लिहाज से अहम है कि जेटली को वृद्धि दर में तेजी लानी है और देश में कम निवेश को लेकर आ रही समस्याओं का समाधान करना है. इसके साथ ही उन पर राजकोषीय घाटा और राजस्व घाटे पर भी नियंत्रण करने की जिम्मेदारी है. सीमित संसाधनों के साथ जेटली पर मध्यम वर्ग को खुश रखने एवं कृषि व ढांचागत जैसे क्षेत्रों के मुद्दों का समाधान करने का भी जिम्मा है. कई लोग बजट में बडी घोषणाओं की उम्मीद नहीं कर रहे हैं, लेकिन आर्थिक सुधारों के लिए विशेषकर कर के मोर्चे पर एक रुपरेखा पेश किए जाने की उम्मीद जरुर है जिससे निवेशकों का विश्वास बहाल किया जा सके.
वर्ष 1947 (जब 26 नवंबर, 1947 को पहला बजट पेश किया गया था) से लेकर 1950 तक बजट दस्तावेज की छपाई राष्ट्रपति भवन में हुआ करती थी, लेकिन 1950 में बजट लीक होने के बाद छपाई का स्थान बदलकर मिंटो रोड स्थित एक सरकार प्रेस कर दिया गया. हालांकि, 1980 से नार्थ ब्लाक का बेसमेंट छपाई के लिए एक स्थायी जगह बन गया है. यह बजट प्रेस पूर्ण वातानुकूलित है और आधुनिक प्रिंटिंग मशीनों से लैस है.
हलवा समारोह के बाद 100 कर्मचारियों को नार्थ ब्लाक के बेसमेंट में ले जाया जाता है जहां दो प्रिंटिंग प्रेस हैं. वहां उन्हें संपूर्ण प्रक्रिया पूरी होने तक रखा जाता है और कोई भी बाहरी व्यक्ति उनसे संपर्क नहीं कर सकता. ये लोग छपाई, प्रूफ रीडिंग और अनुवाद के काम में शामिल होते हैं.

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