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नयी दिल्ली : अनिल अंबानी समूह की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) और निजी क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी एयरसेल के बीच दोनों के मोबाइल कारोबार के विलय की संभावनाओं पर बातचीत चल रही है. रिलायंस कम्युनिकेशंस ने कहा, ‘‘आरकॉम ने मैक्सिस कम्यूनिकेशंस बरहाद और एयरसेल लिमिटेड की हिस्सेदार सिंद्या सिक्युरिटीज एंड इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ 90 दिन की विशिष्ट अवधि पर सहमति जताई है जिसके तहत आरकॉम तथा एयरसेल के भारतीय वायरलेस व्यावसाय के संभावित विलय पर विचार किया जायेगा.”
आरकॉम ने एक बयान में कहा कि इसका लक्ष्य है घरेलू विलय से अनुमानित उल्लेखनीय लाभ हासिल करना जिसमें परिचालन व्यय और पूंजी व्यय ताल-मेल और राजस्व वृद्धि शामिल है.कंपनी ने कहा, ‘‘यह बातचीत बाध्यकारी नहीं है. कोई भी सौदा देनदारियों एवं परिसंपत्तियों की जांच, निश्चयात्मक दस्तावेजीकरण और नियामकीय मंजूरी, शेयरधारकों और अन्य तृतीय पक्ष की स्वीकृति से होगा.
इसलिए कोई निश्चितता नहीं है कि कोई सौदा होगा.” संभावित विलय से आरकॉम के टावर और आप्टिकल फाइबर का बुनियादी ढांचा अलग रहेगा जिसके लिए आरकॉम परिसंपत्ति बिक्री की योजना आगे बढा रहा है. इसकी घोषणा चार दिसंबर 2015 में की गयी थी. आरकॉम ने चार दिसंबर को कहा था कि उसने अपने सेल्यूलर टावर करीब 30,000 करोड़ रुपये में बेचने के लिए निजी इक्विटी कंपनी टिलमैन ग्लोबल होल्डिंग्स एलएलसी और टीपीजी एशिया इंक के साथ समझौता किया है ताकि ऋण कम किया जा सके.
आरकॉम पहले ही सिस्तेमा श्याम टेलीसर्विसेज के भारतीय मोबाइल टेलीफोनी कारोबार खरीदने की प्रक्रिया में है जो देश में एमटीएस ब्रांड के तहत कारोबार करती है.
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