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मुंबई : रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि अक्षय ऊर्जा के उपयोग को बढाने के इरादे से केंद्र सरकार रेलवे की जमीन पर सौर बिजली संयंत्र स्थापित करने पर विचार कर रहा है. उद्योग मंडल सीआइआइ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में मंत्री ने कहा, ‘कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने की दिशा में काम करने की जरुरत है. अगर हमें कार्बन उत्सर्जन में कटौती करनी है तो हम कोयला जैसे ऊर्जा स्रोतों पर निरंतर निर्भर नहीं रह सकते. हमें नये तरीके तलाशने होंगे, प्रौद्योगिकी का उपयोग करना होगा और ऐसी प्रक्रियाएं अपनानी होगी जिससे उत्सर्जन में कमी आये.’
प्रभु ने कहा कि चूंकि रेलवे बिजली की सबसे अधिक खपत करने वाला उपभोक्ता है, ऐसे में मंत्रालय अपनी जरुरतों को पूरा करने के लिये सौर ऊर्जा का उपयोग बढाने को लेकर विभिन्न कदम उठा रहा है. उन्होंने कहा, ‘हमने सौर बिजली उत्पादन के लिये रेलवे की इमारतों की छतों का उपयोग करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. हमने रेल डिब्बों की छतों पर सौर पैनलों को लगाकर सौर ऊर्जा के दोहन के लिये नयी पहल भी की है.’
प्रभु ने कहा, ‘हम बिजली उत्पादन के लिये सौर परियोजनाओं की भी योजना बना रहे हैं. रेलवे के पास देश भर में काफी जमीन है जहां इस प्रकार की सौर तापीय परियोजनाएं लगायी जा सकती हैं.’ मंत्री ने कहा, ‘हम ऐसी परियोजनाओं की व्यवहार्यता का अध्ययन कर रहे हैं. हम पीपीपी मॉडल के तहत सौर बिजली उत्पादन के विकास पर विचार कर रहे हैं.’ रेल बजट पेश करते हुए प्रभु ने यह घोषणा की थी कि सरकार अगले पांच साल में 1,000 मेगावाट क्षमता के सौर संयंत्र लगाएगी.
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