भारतीय मूल के कनाडाई लड़के ने गूगल से ज्यादा सटीक सर्च इंजन बनाया

टोरंटो : भारतीय मूल के एक कनाडाई लड़के ने एक व्यक्तिगत सर्च इंजन का विकास किया है और उसका कहना है कि यह गूगल से 47 प्रतिशत ज्यादा सटीक है. अनमोल टुकरेल ने गूगल साइंस फेयर के लिए सर्च इंजन का विकास किया. गूगल साइंस फेयर एक वैश्विक प्रतियोगिता है जिसमें 13 से 18 साल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 23, 2015 5:44 PM

टोरंटो : भारतीय मूल के एक कनाडाई लड़के ने एक व्यक्तिगत सर्च इंजन का विकास किया है और उसका कहना है कि यह गूगल से 47 प्रतिशत ज्यादा सटीक है. अनमोल टुकरेल ने गूगल साइंस फेयर के लिए सर्च इंजन का विकास किया. गूगल साइंस फेयर एक वैश्विक प्रतियोगिता है जिसमें 13 से 18 साल के छात्र हिस्सा ले सकते हैं. अनमोल को सर्च इंजन की कोडिंग में करीब 60 घंटे लगे.

सॉफ्टवेयर का परीक्षण हालांकि न्यूयार्क टाइम्स पर आने वाली खबरों तक सीमित था और इसमें ज्यादा सटीक नतीजे आए. प्रेसएक्जामिनर.कॉम की खबर के अनुसार अनमोल ने जिस व्यक्तिगत सर्च इंजन का विकास किया है, उसके अनुसार वह औसतन गूगल से 21 प्रतिशत अधिक सटीक है और उससे 47 प्रतिशत तक ज्यादा सटीक हो सकती है.

भारतीय मूल के छात्र ने कहा कि जब वह एक इंटर्नशिप के सिलसिले में कुछ समय के लिए बेंगलूरु में था तब उसे पता चला कि गूगल का पहले से ही एक व्यक्तिगत सर्च इंजन है. इसके बाद उसने इसे एक नये स्तर पर ले जाने की योजना बनायी. उसने सूचनाओं का अंबार तैयार करने के उद्देश्य से अलग अलग रुचियों और समतुल्य वेब हिस्टरी वाले कई काल्पनिक उपयोगकर्ताओं का निर्माण किया.

अनमोल का कहना है कि प्रासंगिक नतीजे देने के लिए किसी व्यक्ति के ठिकाने या ब्राउजिंग हिस्टरी का इस्तेमाल करने वाले अधिकतर वेबसाइटों के उलट उसका सर्च इंजन किसी इंसान के व्यक्तित्व के प्रतिचित्रण द्वारा सबसे प्रासंगिक सामग्री दिखाने की कोशिश करता है. अनमोल अपने माता पिता की मंजूरी से टैकोकैट कंप्यूटर्स नाम की एक कंपनी भी चलाता है.

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