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नयी दिल्ली : जीएसटी विधेयक पर कांग्रेस पर ‘व्यवधानकारी रुख’ अपनाने का आरोप लगाते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि क्या कांग्रेस चाहती है कि इसके दायरे में शराब को लाकर उसे सस्ता कर दिया जाये और इस पर कर घटा दिया जाये. कांग्रेस नेता मणि शंकर अय्यर के ब्लॉग पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए जेटली ने कहा कि उन्होंने यह दावा कर जीएसटी विधेयक को बाधित करने का एक दिलचस्प कारण दिया है कि राज्य सरकारें शराब पर कर की दर बहुत अधिक रखती है जिसके चलते लोग नकली शराब पीते हैं.
वित्त मंत्री ने कहा कि अय्यर ने दलील दी है कि इससे राजस्व का नुकसान होगा, कदाचार होगा और नकली शराब पीने से लोगों की मौत होगी. जेटली ने कहा कि अय्यर का मानना है कि शराब को जीएसटी के दायरे में लाना चाहिए, बजाय इसके कि इसे राज्य सरकारों के करारोपण के दायरे में छोड दिया जाए. उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट पर कहा है, ‘यदि मणि के ब्लॉग पर विश्वास किया जाए तो कांग्रेस पार्टी का रुख शराब को सस्ता करने का है ताकि लोग नकली शराब नहीं पीएं.
शराब को सस्ता करने के लिए क्या यह कांग्रेस पार्टी की समग्र जीएसटी की अवधारणा है? क्या जीएसटी का विरोध करने का कांग्रेस पार्टी का यह आधार है? मैं उम्मीद करता हूं कि कांग्रेस पार्टी या तो अपना रुख स्पष्ट करेगी या मणि के विचार की पुष्टि करेगी.’
जेटली ने कहा कि उनके पास संदेह करने की ऐसी कोई वजह नहीं है कि कांग्रेस नेता अपनी पार्टी के विचारों का प्रतिनिधित्व करते हैं. उन्होंने अय्यर को आडे हाथ लेते हुए कहा कि संप्रग के दो प्रमुख वित्त मंत्रियों ने विवेक से काम नहीं लिया जो मणि शंकर अय्यर रखते हैं.
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