इस साल नीतिगत दर में और कटौती की संभावना नहीं, सुधार आवश्‍यक : HSBC

नयी दिल्ली : केंद्रीय बैंक द्वारा इस साल नीतिगत दर में और कटौती की संभावना नहीं लगती है क्योंकि कम बारिश का खाद्य मुद्रास्फीति पर उल्लेखनीय असर हो सकता है और इसका ग्रामीण इलाकों में पारिवारिक खपत पर सीधा असर हो सकता है. यह बात एचएसबीसी की रपट में कही गई है. वैश्विक वित्तीय सेवा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 16, 2015 3:54 PM
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नयी दिल्ली : केंद्रीय बैंक द्वारा इस साल नीतिगत दर में और कटौती की संभावना नहीं लगती है क्योंकि कम बारिश का खाद्य मुद्रास्फीति पर उल्लेखनीय असर हो सकता है और इसका ग्रामीण इलाकों में पारिवारिक खपत पर सीधा असर हो सकता है. यह बात एचएसबीसी की रपट में कही गई है.

वैश्विक वित्तीय सेवा क्षेत्र की प्रमुख इकाई ने चेताया कि अल नीनो के जोखिम को कमतर नहीं आंका जा सकता. अल नीनो की स्थिति लंबे समय तक बनी रह सकती है और संभवत: इस साल दूसरी छमाही में यह मजबूत हो सकती है. एचएसबीसी के भारतीय मामलों के प्रमुख अर्थशास्त्री प्रांजल भंडारी का अनुमान है कि इस साल नीतिगत दरों में और कटौती नहीं होगी और उनका मानना है कि और अधिक कटौती खाद्य बुनियादी ढांचा और कृषि संबंधी नीति समेत ढांचागत सुधार पर निर्भर करेगी.

केंद्रीय बैंक ने संकेत दिया कि मानसून की आशंका सही साबित होने की स्थिति में सरकार क्या कदम उठाती है और परिस्थिति का कैसे मुकाबला करती है, उस पर मौद्रिक नीति निर्भर करेगी.

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