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नयी दिल्ली: रिजर्व बैंक कर्ज लेने वाले अनैतिक लोगों के बारे में सूचना का त्वरित आदान प्रदान करने के उद्देश्य से एक चेतावनी प्रणाली के ढांचे के तहत जल्द ही केंद्रीय धोखाधड़ी रजिस्टरी स्थापित करेगा जिससे बैंकों को डूबते ऋण की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी.
आरबीआइ के एक उच्च अधिकारी ने बताया कि इसे शीघ्र ही स्थापित किया जायेगा. उन्होंने कहा कि केंद्रीय धोखाधड़ी रजिस्टरी स्थापित करने पर काम चल रहा है और यह आरबीआइ की निगरानी में काम करेगा. वर्तमान में ऐसा कोई डाटाबेस नहीं है जिसका इस्तेमाल बैंक पहले के धोखाधड़ी मामलों से जुड़ी सभी अहम जानकारियों को हासिल करने के लिए किया जा सकें.
अधिकारी ने कहा कि आरबीआइ में इस तरह का डाटाबेस तैयार होने से बैंकों को नये ग्राहकों के साथ संबंध बनाते समय, ऋण सुविधाएं देते समय और खाते के परिचालन के दौरान किसी भी समय अधिक से अधिक सूचनाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी. इस तरह से बैंक ऋण मंजूर करते समय रजिस्टरी से उधार लेने वाले ग्राहक की विश्वसनीयता जांच कर लाभ उठा सकते हैं.
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