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जीएसटी की वृहद योजना पर राज्‍यों के वित्त मंत्रियों से कल चर्चा करेंगे अरुण जेटली

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नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली कल राज्‍यों के वित्त मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे जिसमें नयी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली अप्रैल, 2016 से लागू करने की वृहद योजना पर विचार विमर्श किया जाएगा. जेटली राज्‍यों के वित्त मंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति की बैठक की अध्यक्षता करेंगे.

सूत्रों ने बताया कि बाद में राज्‍यों के वित्त मंत्री नयी अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था से संबंधित मुद्दों पर आपस में विचार विमर्श करेंगे. सरकार की योजना जीएसटी पर संविधान संशोधन विधेयक संसद के चालू सत्र में पारित कराने का है. इस विधेयक को पिछले साल दिसंबर में लोकसभा में पेश किया गया था.

केंद्र सरकार जीएसटी को तय तारीख पर लागू करने के लिए सभी राज्‍यों की चिंताओं को दूर करने का प्रयास कर रही है. कुछ राज्‍यों की दलील है कि जीएसटी का क्रियान्वयन माल बनाने की बजाय उसकी खपत करने वाले राज्‍यों के लिए लाभदायक है. ऐसे में यह महाराष्ट्र व गुजरात जैसे विनिर्माता राज्यों के लिए यह चुनौतीपूर्ण हो सकता है.

केंद्र व राज्य सरकारें फिलहाल जीएसटी की एक नयी राजस्व तटस्थ दर तय करने में लगे हैं. अभी तक इसे 27 प्रतिशत रखने का प्रस्ताव है. यह वह दर है जिस पर जीएसटी के क्रियान्वयन के बाद राज्‍यों को किसी प्रकार का राजस्व नुकसान नहीं होगा. जेटली ने पिछले सप्ताह कहा था कि जीएसटी लागू करने से भारत के सकल घरेल उत्पाद में 1-2 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली कल राज्‍यों के वित्त मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे जिसमें नयी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली अप्रैल, 2016 से लागू करने की वृहद योजना पर विचार विमर्श किया जाएगा. जेटली राज्‍यों के वित्त मंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति की बैठक की अध्यक्षता करेंगे.

सूत्रों ने बताया कि बाद में राज्‍यों के वित्त मंत्री नयी अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था से संबंधित मुद्दों पर आपस में विचार विमर्श करेंगे. सरकार की योजना जीएसटी पर संविधान संशोधन विधेयक संसद के चालू सत्र में पारित कराने का है. इस विधेयक को पिछले साल दिसंबर में लोकसभा में पेश किया गया था.

केंद्र सरकार जीएसटी को तय तारीख पर लागू करने के लिए सभी राज्‍यों की चिंताओं को दूर करने का प्रयास कर रही है. कुछ राज्‍यों की दलील है कि जीएसटी का क्रियान्वयन माल बनाने की बजाय उसकी खपत करने वाले राज्‍यों के लिए लाभदायक है. ऐसे में यह महाराष्ट्र व गुजरात जैसे विनिर्माता राज्यों के लिए यह चुनौतीपूर्ण हो सकता है.

केंद्र व राज्य सरकारें फिलहाल जीएसटी की एक नयी राजस्व तटस्थ दर तय करने में लगे हैं. अभी तक इसे 27 प्रतिशत रखने का प्रस्ताव है. यह वह दर है जिस पर जीएसटी के क्रियान्वयन के बाद राज्‍यों को किसी प्रकार का राजस्व नुकसान नहीं होगा. जेटली ने पिछले सप्ताह कहा था कि जीएसटी लागू करने से भारत के सकल घरेल उत्पाद में 1-2 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है.

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