अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 2016 में 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान : रपट

नयी दिल्ली : भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 2016 में करीब 6.5 प्रतिशत रह सकती है क्योंकि कच्चे तेल में नरमी और मुद्रास्फीति घटने के मद्देनजर वृहद आर्थिक हालात बेहतर नजर आ रहे हैं. यह बात मैकिंजी एंड कंपनी की रपट में कही गई. वैश्विक परामर्शदाता कंपनी के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था के वृहद आर्थिक हालात […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 10, 2015 5:45 PM
an image

नयी दिल्ली : भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 2016 में करीब 6.5 प्रतिशत रह सकती है क्योंकि कच्चे तेल में नरमी और मुद्रास्फीति घटने के मद्देनजर वृहद आर्थिक हालात बेहतर नजर आ रहे हैं. यह बात मैकिंजी एंड कंपनी की रपट में कही गई. वैश्विक परामर्शदाता कंपनी के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था के वृहद आर्थिक हालात में व्यापक सुधार हुआ है और विशेष तौर पर ऊर्जा की लागत कम होने के कारण मुद्रास्फीतिक दबाव कम हुआ है तथा आयात बिल घटा है.

रपट में कहा गया ‘भारत की स्थिति में सुधार नजर आ रहा है और 2016 में वृद्धि दर करीब 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है.’ रपट में कहा गया कि कच्चे तेल की कीमत में गिरावट से ब्राजील और रुस की वृद्धि की संभावनाओं पर गहरा असर होगा, ये दोनों देश उपभोक्ता जिंसों के लिये काफी कुछ निर्भर हैं. जबकि चीन और भारत को मुद्रास्फीतिक दबाव कम होने के मद्देनजर फायदा हो रहा है.

मैकिंजी ने कहा ‘चीन और भारत दोनों की ही व्यापक आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है विशेष तौर पर कच्चे तेल की कीमत में नरमी से मुद्रास्फीति दबाव और आयात बिल घटा है.’ इससे चीन के वित्तीय बाजारों में जहां तेजी आई वहीं भारत के बाजार में उतार-चढाव आया है. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति जनवरी में बढकर 5.11 प्रतिशत रही जो कि दिसंबर में 4.28 प्रतिशत थी.

आधिकारिक आंकडों के मुताबिक जनवरी में खाद्य मुद्रास्फीति 6.13 प्रतिशत थी. अंतरराष्ट्रीय बाजार से कच्चे तेल की भारतीय बास्केट का खरीद मूल्य 26 मई 2014 को 108.05 डालर प्रति बैरल पर था. जो कि 14 जनवरी 2015 को घटकर 43.36 डालर प्रति बैरल रह गया. 26 मई 2014 को नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नयी सरकार ने सत्ता संभाली थी.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Exit mobile version