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दावोस: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अध्यादेश लाने पर हो रहे राजनीतिक विरोध को ‘अवरोध की नीति’ करार देते हुए कहा कि विदेशी निवेशकों को इन फैसलों से कोई समस्या नहीं है. बल्कि वे तो इस बात से खुश ही हैं कि सरकार यह कानून लेकर आयी.
जेटली ने कहा ‘मुझे नहीं लगता है कि अध्यादेश का जरिया उनके लिए जरा भी चिंता का विषय है. वे इस बात से बहुत खुश हैं कि भारत सरकार यह कानून लेकर आयी है. अध्यादेश को मंजूरी मिल ही जाएगी.’ उन्होंने कहा ‘अध्यादेश के तहत की गयी पहल वैध नजर आती है और आखिरकार सभी को पता है कि लोकसभा और संयुक्त सदन में हमारे पास बहुमत है इसलिए अवरोध की नीति की वजह से सिर्फ देरी ही हो सकती है.’
विश्व आर्थिक मंच के मौके पर मौजूदा और संभावित निवेशकों के साथ हो रही बैठकों के बीच जेटली ने कहा ‘अवरोध पैदा करने वाले इस प्रक्रिया को पटरी से नहीं उतार सकते’.
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