नयी दिल्‍ली: भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्‍टी गवर्नर उर्जित पटेल ने बताया कि वैश्विक स्‍तर पर कच्‍चे तेलों के दामों में हो रही भारी गिरावट देश की अर्थवयवस्‍था के लिए ‘वरदान’ है. उन्‍होंने कहा कि इससे आयात बिल में भारत को 50 बिलियन डॉलर तक का फायदा होगा.
आरबीआइ डिप्‍टी गवर्नर ने बताया कि तेल की कीमतों में कमी से आम आदमी की प्रायोज्‍य आय बढ़ेगी, व्‍यवसाय में लागत बढ़ेगी इसके साथ ही ऊर्जा सब्सिडी पर पड़ने वाला बोझ भी कम होगा.
वर्ष 2009 के बाद पहली बार कच्‍चे तेल के दाम में भारी गिरावट आयी है. तेल के दाम में पिछले 6 सालों में सबसे बड़ी कमी आयी है. लगातार सात हफ्तों तक तेल की मांग से ज्‍यादा पूर्ति होने के कारण इसके दाम में पिछले साल जून से लेकर अबतक करीब 60 फीसदी की कमी आयी है.
डिप्‍टी गवर्नर ने कहा कि कच्‍चे तेल के दाम में गिरावट से करीब 50 बिलियन डॉलर की वार्षिक बचत हो सकती है. जो पेट्रोलियम और तेलों के कुल आयात 160 बिलियन डॉलर का करीब एक तिहाई भाग है. ‍

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