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सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में अपनी हिस्सेदारी उचित मूल्य पर बेचेगी सरकार : जयंत सिन्हा
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पुणे : सरकार ने आज साफ किया है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में हिस्सेदारी बेचने का कोई भी निर्णय उचित मूल्य पर ही किया जायेगा. वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने कहा यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है कि यदि हम अपनी हिस्सेदारी जो कि भारत की जनता की हिस्सेदारी है, को बेच रहे […]
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पुणे : सरकार ने आज साफ किया है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में हिस्सेदारी बेचने का कोई भी निर्णय उचित मूल्य पर ही किया जायेगा. वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने कहा यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है कि यदि हम अपनी हिस्सेदारी जो कि भारत की जनता की हिस्सेदारी है, को बेच रहे हैं तो ऐसा हम उचित मूल्यांकन पर ही करेंगे.
सिन्हा ने राष्ट्रीय बैंक प्रबंधन संस्थान में आयोजित दो दिन के बैंकर्स सम्मेलन में कहा हम निश्चित तौर पर बिक्री ऐसे मूल्य पर नहीं करेंगे जिससे भारत के लोगों का नुकसान हो. हालांकि, उन्होंने हिस्सेदारी की बिक्री की समय सीमा बताने से इनकार किया. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में सार्वजनिक क्षेत्र के सभी 27 बैंकों में सरकार की हिस्सेदारी घटाकर 52 प्रतिशत पर लाने का फैसला किया है. वर्तमान में इसके लिये 56 प्रतिशत की सीमा तय है.
उन्होंने कहा हम इस बात का पूर्ण रुप से ध्यान रख रहे हैं. हम पूरी तरह समझते हैं कि बाजार कैसे चलता है कैसे मूल्य तय होता है और हम अपनी हिस्सेदारी बचेने का निर्णय लेने के समय इन सब बातों का ध्यान रखेंगे. हाल ही में जारी वित्तीय स्थायित्व रिपोर्ट में रिजर्व बैंक ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के शेयर मूल्यों के दबा रहने पर चिंता जाहिर की गई है.
बैंकों में हिस्सेदारी बेचने का दबाव बैंकों में लागू होने वाले बेसल-तीन नियमों के अनुपालन को देखते हुये बना है. ये नियम अप्रैल 2019 से लागू होने हैं जबकि दूसरी तरफ सरकार की वित्तीय स्थिति पर दबाव बना हुआ है.
चालू वित्त वर्ष के दौरान सरकार ने बैंकों में पूंजी डालने के लिये 11,200 करोड रुपये का बजट तय किया है. ऐसी चर्चा है कि बैंकों की आवश्यकता को देखते हुये क्या सरकार इसमें वृद्धि कर सकती है.
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