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नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने योजना भवन में आयोजित आज ‘मेक इन इंडिया’ कैंपन पर कार्यशाला में विनिर्माण क्षेत्र में विकास पर बल दिया. अपने भाषण में केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि विनिर्माण ऐसा क्षेत्र है जहां अभी तक बहुत तेजी के साथ विकास की आवश्यक्ता है.
वित्त मंत्री ने विनिर्माण क्षेत्र में कमी के लिए पूंजी की ऊंची लागत को जिम्मेदार ठहराया. जेटली ने इस क्षेत्र में प्रवेश बाधा कम करने और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धात्मक कराधान प्रणाली पर जोर दिया, ताकि निवेश आकर्षित किया जा सके और वृद्धि को प्रोत्साहन मिले.
जेटली ने कहा ‘हमें अपनी व्यवस्था दुरुस्त करनी होगी’ ताकि वृद्धि को प्रोत्साहित किया जा सके. अभी विनिर्माण क्षेत्र अपनी क्षमता के अनुरूपवृद्धि दर्ज नहीं कर रहा है और इस प्रमुख क्षेत्र में वृद्धि को प्रोत्साहित करने के लिए परिवर्तनकारी पहल करने की जरूरत पड़ सकती है. उन्होंने माना कि इसका नतीजा रातों-रात नहीं दिखेगा.
मेक इन इंडिया पर आयोजित दिन भर की कार्यशाला में वित्त मंत्री ने कहा कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में पिछले दो साल की नरमी के बाद थोड़ा सुधार हो सकता है. साथ ही अगला साल और भी बेहतर होगा
जेटली ने कहा अगले साल की वृद्धि दर थोड़ी और बेहतर होगी, हमें विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि को प्रोत्साहित करने के लिए चीजें बेहतर करनी होंगी. हमारी कराधान प्रणाली को अंतरराष्ट्रीय तौर पर प्रतिस्पर्धात्मक होना होगा.पिछले कुछ महीनों और सालों में विनिर्माण में नरमी के लिए एकमात्र वजह रही है पूंजी की लागत बढना.
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