डब्ल्यूजीसी ने कहा, प्रतिबंध हटने से निर्यातकों एवं आभूषण विनिर्माताओं को लाभ होगा

नयी दिल्ली: सोने के आयात पर प्रतिबंध ढीला करने से आधिकारिक रास्ते से इसकी आपूर्ति में सुधार होगा और वास्तविक निर्यातकों एवं आभूषण विनिर्माताओं को लाभ होगा.सरकार ने कल 80:20 के नाम से चर्चित वह योजना वापस ले ली जिसके तहत आयातकों के लिए आयातित सोने में से 20 प्रतिशत का निर्यात करना अनिवार्य था. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 29, 2014 5:40 PM

नयी दिल्ली: सोने के आयात पर प्रतिबंध ढीला करने से आधिकारिक रास्ते से इसकी आपूर्ति में सुधार होगा और वास्तविक निर्यातकों एवं आभूषण विनिर्माताओं को लाभ होगा.सरकार ने कल 80:20 के नाम से चर्चित वह योजना वापस ले ली जिसके तहत आयातकों के लिए आयातित सोने में से 20 प्रतिशत का निर्यात करना अनिवार्य था. यह योजना अगस्त 2013 में सोने के आयात में आए उछाल पर लगाम लगाने के लिए लागू की गयी थी. सोने का आयात बढने से चालू खाते का घाटा बढ रह था. केंद्र ने कल 80:20 योजना वापस ले ली.

सरकार की इस अप्रत्याशित पहल का स्वागत करते हुए डब्ल्यूजीसी इंडिया के प्रबंध निदेशक सोमसुंदरम पीआर ने कहा ‘‘ इस घोषणा का समय हालांकि अप्रत्याशित है पर इससे सामान्य रुप से और विशेष रुप से आभूषण उद्योग का भरोसा निश्चित तौर पर बढेगा.’’ उन्होंने कहा ‘‘आधिकारिक मार्ग से सोने की आपूर्ति में अब सुधार होना और इसका वास्तविक निर्यातकों और सोने के जेवरात बनाने वालों को फायदा होगा.’’उन्होंने कहा कि हाल के महीनों में सोने के आयात में तेज उछाल मांग के अनुमानों में बदलाव के कारण नहीं बल्कि आयात पर अतिरिक्त नियंत्रण की आशंका कारण था.

सोमसुंदरम ने कहा कि भारत को सोने के आयात पर प्रतिबंध के दौर से आगे बढना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘यह मौका सभी संबद्ध पक्षों के साथ फिर से मिल जुल कर सोने की एक ऐसी तर्कसंगत दीर्घकालिक नीति विकसित करने का है जो देश की वृद्धि के उद्देश्यों के अनुरुप हो.’’

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