और सस्ते होंगे पेट्रोल व डीजल!

नयी दिल्ली : पेट्रोल और डीजल की कीमतों में जल्दी ही कमी आ सकती है. गोल्डमैन सैक्स ने कहा है कि अप्रैल, 2015 तक ब्रेट क्रूड 80 डॉलर और अमेरिकी क्रूड 70 डॉलर प्रति बैरल तक उतर सकता है. इस दौरान दुनिया भर में कच्चे तेल का उत्पादन तथा अतिरिक्त आपूर्ति चरम पर होगी. जनवरी-मार्च, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 29, 2014 8:11 AM
an image

नयी दिल्ली : पेट्रोल और डीजल की कीमतों में जल्दी ही कमी आ सकती है. गोल्डमैन सैक्स ने कहा है कि अप्रैल, 2015 तक ब्रेट क्रूड 80 डॉलर और अमेरिकी क्रूड 70 डॉलर प्रति बैरल तक उतर सकता है. इस दौरान दुनिया भर में कच्चे तेल का उत्पादन तथा अतिरिक्त आपूर्ति चरम पर होगी. जनवरी-मार्च, 2015 में इनके क्रमश:100 डालर और 90 डॉलर प्रति बैरल के आसपास रहने की बात कही गयी थी. यदि ऐसा हुआ, तो डीजल और पेट्रोल के दाम और कम होंगे.

अमेरिका से भी कच्चा तेल खरीदने का इच्छुक है भारत

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि पश्चिम एशिया से तेल आपूर्ति को लेकर अनिश्चितता के बीच भारत इसमें विविधता लाना चाहता है और इसके लिये अमेरिका से भी कच्चा तेल खरीदने का इच्छुक है.

भारत, पश्चिम एशिया में – इराक व सीरिया- के अपने सबसे बडे तेल आयात स्नेतों से आपूर्ति में किसी तरह की संभावित बाधा को देखते हुए नई रणनीति पर काम कर रहा है. पश्चिम एशिया के ये देश इस्लामिक स्टेट को लेकर चल रही हिंसा से प्रभावित हैं. भारत एशिया का दूसरा सबसे बडा उर्जा उपभोक्ता है और 2013-14 में इसने कच्चे तेल के आयात पर 143 अरब डालर खर्च किए. भारत चाहता है कि अमेरिका अपनी नीति में ढील देते हुए कच्चे तेल के साथ साथ गैस आपूर्ति की अनुमति दे.

प्रधान ने कहा, ‘हाल में मैंने अमेरिकी अधिकारियों से मुलाकात की और उन्हें भारत को तेल निर्यात की अनुमति देने को कहा. हम अमेरिका से तेल का आयात करना चाहते हैं, जहां से तेल निर्यात की अनुमति नहीं है.’ भारत अपनी तेल जरुरतों को पूरा करने के लिए पश्चिम एशिया पर निर्भरता को कम करना चाहता है. इसके बजाय वह मैक्सिको व अन्य लातिन अमेरिकी देशों और रुस का इस्तेमाल करना चाहता है. प्रधान ने कहा, ‘हम (तेल आयात के लिए) रुस व लातिन अमेरिका पर भी विचार करेंगे.’

इराक व सीरिया में हिंसा की वजह से इन देशों से तेल आपूर्ति को गंभीर खतरा पैदा हो गया है. वित्त वर्ष 2013-14 में इराक से भारत को 2.46 करोड टन कच्चे तेल की आपूर्ति की गई. यह भारत के कुल तेल आयात का लगभग 13.02 प्रतिशत है. प्रधान ने कहा, ‘दुनिया में बदले भू राजनीतिक परिदृश्य के मद्देनजर कच्चे तेल की खरीद का विविधिकरण करना होगा.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Exit mobile version