प्राकृतिक गैस के दाम बढ़ाने का फैसला नवंबर तक टला
नयी दिल्ली : प्राकृतिक गैस के दाम बढ़ाने पर फैसला 45 दिन और टल गया है. केंद्र सरकार ने आज प्राकृतिक गैस के दाम की समीक्षा पर निर्णय 15 नवंबर तक के लिये टाल दिया. नरेंद्र मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद पूर्व संप्रग सरकार द्वारा मंजूर रंगराजन फार्मूले के क्रियान्वयन को 30 […]
नयी दिल्ली : प्राकृतिक गैस के दाम बढ़ाने पर फैसला 45 दिन और टल गया है. केंद्र सरकार ने आज प्राकृतिक गैस के दाम की समीक्षा पर निर्णय 15 नवंबर तक के लिये टाल दिया.
नरेंद्र मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद पूर्व संप्रग सरकार द्वारा मंजूर रंगराजन फार्मूले के क्रियान्वयन को 30 सितंबर तक के लिये टाल दिया था. इस फार्मूले को अगर लागू किया जाता है तो गैस की कीमत मौजूदा दर से दोगुनी 8.4 डालर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट हो जायेगी.
दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने आज यहां संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में प्राकृतिक गैस मूल्य की समीक्षा को 15 नवंबर तक के लिये टालने का फैसला लिया गया. मंत्रिमंडल की बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली शामिल नहीं हुए क्योंकि उन्हें अभी अस्पताल से छुट्टी नहीं मिली है. वह सर्जरी के बाद चिकित्सकीय जांच के लिये रविवार की शाम भर्ती हुए थे.
पिछली संप्रग सरकार गैस मूल्य बढाने के फार्मूले पर पिछले साल जून में रंगराजन समिति के सुझाव को मान चुकी थी और दिसंबर में उसकी पूष्टि कर दी थी. इसमें रिलायंस इंडस्टरीज की कृष्णा गोदावरी (केजी) बेसिन के डी6 गैस फील्ड की गैस के लिए नया दाम देने के बारे में कुछ शर्त लगायी गयी थी.
बीच में आम चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग की आचार संहिता लागू हो जाने के कारण गैस मूल्य बढाने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी. चुनाव के बाद गठित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार ने गैस मूल्य की फिर समीक्षा कराने का निर्णय किया और सचिवों की चार सदस्यीय समिति बिठायी.
बिजली, उर्वरक, वित्त और पेट्रोलियम मंत्रालय के अधिकारियों की इस समिति ने अपनी रपट दे दी है. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने हाल ही में संसद में कहा था कि गैस की नई कीमत की घोषणा सितंबर अंत में की जाएगी.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.