तेल कंपनियों को मिलेगी 11,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी
नयी दिल्ली: सरकार पेट्रोलियम पदार्थों की बिक्री करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की तीन तेल कंपनियों को पहली तिमाही में 11,000 करोड रुपये की नकद सब्सिडी उपलब्ध करायेगी. पेट्रोलियम पदार्थों की बिक्री करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की ये कंपनियां डीजल, राशन में बिकने वाले मिट्टी तेल, और घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की बिक्री सरकार द्वारा तय […]
नयी दिल्ली: सरकार पेट्रोलियम पदार्थों की बिक्री करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की तीन तेल कंपनियों को पहली तिमाही में 11,000 करोड रुपये की नकद सब्सिडी उपलब्ध करायेगी.
पेट्रोलियम पदार्थों की बिक्री करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की ये कंपनियां डीजल, राशन में बिकने वाले मिट्टी तेल, और घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की बिक्री सरकार द्वारा तय दाम पर करती हैं जो कि इन पदार्थों के बाजार मूल्य से काफी कम होता है. ऐसे में घाटे की आंशिक भरपाई सरकार की तरफ से दी जाने वाली नकद सब्सिडी के जरिये की जाती है. इसके अलावा ओएनजीसी और ऑयल इंडिया जैसे तेल एवं गैस का उत्पादन करने वाली कंपनियां भी कच्चे तेल की सस्ते दाम पर बिक्री कर इन कंपनियों को घाटे की भरपाई में मदद करतीं हैं.
एक अधिकारी ने यहां बताया, ‘‘अप्रैल–जून तिमाही के लिये सरकार ने 11,000 करोड रुपये की सब्सिडी उपलब्ध कराई है.’’ इसमें से इंडियन ऑयल कार्पोरेशन को 6,076 करोड रुपये , भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड 2,407 करोड रुपये और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन को 2,517 करोड रुपये मिलेंगे.अप्रैल से जून तिमाही के दौरान तीनों कंपनियों को पेट्रोलियम पदार्थों की बिक्री पर कुल 28,690.74 करोड रुपये का नुकसान हुआ. इसमें से ओएनजीसी, ऑयल इंडिया और गेल ने 15,546.65 करोड रुपये का योगदान किया. यह कुल राशि का 54 प्रतिशत रहा. इसमें 11 हजार करोड रुपये की सरकारी सब्सिडी मिलाने के बावजूद तेल विपणन कंपनियों का 2,145 करोड रुपये का घाटा अभी भी बिना भरपाई के रह गया.
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