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नये साल 2020 में कहां और कैसे करें निवेश
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निवेश को लेकर हर निवेशक के मन में उहापोह की स्थिति रहती है. बदलते समय में किस विकल्प में कितना निवेश करना चाहिए, यह एक बहुत बड़ा सवाल सामने आ जाता है. इसी दुविधा को हल करता हुआ पेश है नये साल के कल्पवृक्ष का पहला अंक. शशांक भारद्वाज वीपी व रीजनल हेड, च्वाइस ब्रोकिंग […]

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निवेश को लेकर हर निवेशक के मन में उहापोह की स्थिति रहती है. बदलते समय में किस विकल्प में कितना निवेश करना चाहिए, यह एक बहुत बड़ा सवाल सामने आ जाता है. इसी दुविधा को हल करता हुआ पेश है नये साल के कल्पवृक्ष का पहला अंक.
शशांक भारद्वाज
वीपी व रीजनल हेड, च्वाइस ब्रोकिंग
निवेश को लेकर यह हमेशा से एक शाश्वत एवं यक्ष प्रश्न रहा है कि कहां और कैसे निवेश करें जिससे अधिकतम लाभ अर्जित किया जा सके. यद्यपि निवेश के विकल्प और विधियां समय अंतराल में बदलती रहीं हैं, पर यह प्रश्न सदा प्रासंगिक रहा है और शायद रहेगा भी, क्योंकि दुनिया लगातार बदलती रहती है और यह बदलाव निवेश के विकल्पों को प्रभावित करते रहता है.
किसी कालखंड में सोना निवेश का आकर्षक माध्यम था, फिर भूमि हुई. मौद्रिक युग के प्रादुर्भाव के पश्चात फिक्स्ड डिपॉजिट से प्रारंभ हो कर और फिर इसके विस्तार के बाद अनेकों वित्तीय उत्पाद बाजार में आये. अब इसके विविध प्रकार जैसे शेयर, डिबेंचर, इटीएफ, डेरिवेटिव्स, म्यूचुअल फंड्स आदि निवेश के विकल्प के रूप में उपलब्ध हैं.
इसके अलावा एफडी, भूमि व फ्लैट, सोना आदि भी निवेश के प्रमुख विकल्प हैं. इससे निवेश निर्णय जटिल बन गये हैं. अब निवेश एक विशेषज्ञ एरीना में परिवर्तित हो चुका है और वित्तीय विशेषज्ञ एक आवश्यकता बन गयी है. नववर्ष 2020 की शुरुआत होने के साथ ही एक नये दशक का भी आरंभ हो गया है. जैसे नव वर्ष में अन्य क्षेत्रों के लिए प्लानिंग की जाती है, वैसे ही निवेश की रणनीति बनानी भी अत्यंत आवश्यक है. यह देखा गया है कि निवेश की योजना दीर्घकालीन समयावधि के लिए होनी चाहिए.
निवेश विकल्प के चयन के होते हैं कई आधार
किसी भी निवेश विकल्प के चयन के कई आधार होते हैं, जैसे घरेलू व अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति और उसका भविष्य, ब्याज दरों की दिशा, प्रॉपर्टी के मूल्य और उसमें बढ़त या कमी की संभावना, एक रक्षात्मक व कॉन्ट्रास्ट क्लास के रूप में सोना का महत्व आदि. इन सबों की व्यापक व विशद विवेचना के उपरांत ही विभिन्न विकल्पों में कितना निवेश किया जाये, इसका निर्णय होना चाहिए.
निवेश : किस परिसंपत्ति विशेष में करना चाहिए
वैसे व्यक्तिगत निवेश की रणनीति व्यक्ति विशेष की आय व आवश्यकता विशेष पर निर्भर करती है. और निवेश का एक सुनहरा नियम यह भी कहा जाता है कि एक टोकरी में सारे अंडे नहीं रखने चाहिए अर्थात निवेश का विविधीकरण यानी डाइवर्सिफिकेशन होना चाहिए. मिड व स्माॅल कैप के शेयरों में पिछले कई महीनों से गिरावट ही थी.
कुछेक प्रमुख लार्ज कैप के शेयरों में ही तेजी रही थी. निफ्टी और सेंसेक्स ने 2019 में 13 से 14 प्रतिशत का रिटर्न दिया है. अब कुछ सत्रों से ऐसा लग रहा कि मिड और स्माॅल कैप शेयरों में तेजी का वातावरण बन रहा. ऐसे कई शेयर अपने निचले भाव से 50 प्रतिशत से भी अधिक का रिटर्न दे चुके हैं. ऐसा प्रतीत हो रहा कि इस प्रवृत्ति का और विस्तार होगा और एक अच्छी संख्या में मिड और स्माॅल कैप शेयरों में जोरदार तेजी देखने को मिल सकती है.
ऐसे में अभी इन शेयरों में अच्छा निवेश करना चाहिए. लार्ज कैप शेयर और फिक्स्ड डिपॉजिट के तुलना में यहां बड़ा लाभ हो सकता है. मिड कैप व स्माॅल कैप म्यूचुअल फंड्स के माध्यम से भी निवेश किया जा सकता है. यहां एक बात और ध्यान देना है. शेयरों में उतार -चढ़ाव तीव्र होता है और विशेषकर मिड और स्माॅल कैप शेयरों में काफी तेज उतार-चढ़ाव आते हैं. ऐसे में किसी गिरावट पर खरीदारी का प्रावधान भी रखना चाहिए. चूंकि आय में निरंतरता रहती है, तो उनका निवेश योग्य हिस्सा भी विकसित होते रहता है.
रियल इस्टेट
निवेश से बचें
प्रॉपर्टी के मूल्यों में भी गिरावट के रुख हैं और एक अनुमान के अनुसार अभी यह सिलसिला कायम रहने वाला है. ऐसे में प्रॉपर्टी में निवेश से बचने की जरूरत है.
सोना कर सकते हैं निवेश
भारत में सोना एक सांस्कृतिक निवेश भी है. हालांकि, वित्तीय जगत में इसे संकट के समय का निवेश माना जाता है. इसलिए सोना में निवेश अवश्य करना चाहिए. ऊंचे भाव से सोने के बिक्री में गिरावट भी आयी है. सोना में निवेश के रूप में इलेक्ट्रिक मोड के गोल्ड बी खरीदना चाहिए. यह पर्याप्त लिक्विड होता है और खरीदने व बेचने के मूल्यों में बहुत कम अंतर होता है.
इस तरह करें प्नानिंग
वर्ष 2020 के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान भारतीय परिस्थितियों में निवेश के लिए सर्वाधिक आकर्षक मिड और स्माॅल कैप शेयर ही लग रहे हैं. इसलिए सामान्तया अगर आपके पास 100 रुपये हैं, तो 25 सोने में लगाइए, 25 फिक्स्ड डिपाॅजिट में और 50 शेयरों में. वर्ष 2020 में यही श्रेयष्कर प्रतीत हो रहा.
सरकार अर्थव्यवस्था के सुधार के लिए गंभीर कदम उठा रही और इसके अच्छे परिणाम आयेंगे. ऐसे में शेयर बाजार सबसे अच्छा रिटर्न दे सकता है. हां, यह ध्यान रखें कि आपकी निजी स्थिति अगर इसकी अनुमति देती हो.
मिड और स्मॉल कैप
शेयरों में आ सकती है तेजी
अर्थव्यवस्था के लिए बुरी खबर है जीडीपी वृद्धि दर का धीमा होना, रोजगार के अवसरों में कमी, बजटीय घाटे में वृद्धि की आकांक्षा आदि. पर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि शेयर बाजार और तेज निवेशकों ने यह मान लिया है कि यह बुरी खबरों का बॉटम है और यहां से चीजें अब सुधारने वाली ही हैं. ऐसे में शेयर बाजार की तेजी का विस्तार होगा. ऐसे में शेयर में निवेश फिक्स्ड डिपाॅजिट की तुलना में अच्छा रिटर्न दे सकते हैं. यहां यह भी ध्यान रखें कि कुछ मिड और स्माॅल कैप शेयर के भावों में पिछले कुछ सत्रों में बड़ा उछाल आ चुका है.
इमर्जेंसी फंड
एफडी में करें निवेश
फिक्स्ड डिपॉजिट ऊंची ब्याज दरों की अर्थव्यवस्था में एक अच्छा निवेश था और अब जब ब्याज दरें अपेक्षाकृत काफी नीची आ गयी है और इसके और भी नीची आने की संभावना है, ऐसे में फिक्स्ड डिपाॅजिट अब अच्छा निवेश नहीं रह गया है. सिर्फ आपातकालीन राशि की आवश्यकता जितना ही पैसा फिक्स्ड डिपाजिट में रखना श्रेयस्कर होगा.
अभी एफडी पर ब्याज की दरें 7.5 प्रतिशत के आसपास हैं, पर इनसे होने वाली आय पर आयकर भी लगता है और ऐसे में ये रिटर्न काफी कम हो जाता है. वहीं मुद्रास्फीति की दर भी एफडी से वास्तविक रिटर्न को कम कर देती है. एफडी का एक अच्छा विकल्प म्यूचुअल लिक्विड फंड भी है और अगर आप उच्च आयकर परिधि में आते हैं, तो लिक्विड म्यूचुअल फंड में टैक्स एडवांटेज के साथ ही एफडी की तुलना में अच्छी लिक्विडिटी भी है.
सरकार के उठाये कदमों का दिखेगा असर
कंपनियों को कॉरपोरेट टैक्स में लगभग डेढ़ लाख करोड़ रुपये की छूट, सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का आक्रामक विनिवेश, इज ऑफ डूइंग बिजनेस के प्रति प्रतिबद्धता, हाउसिंग सेक्टर को छूट, व्यक्तिगत आयकर में कमी की संभावना, लाइसेंसिंग का नवीनीकरण, बैंकों के एनपीए की वसूली आदि कदम मोदी सरकार ने उठाये है और अपेक्षित हैं. जीएसटी का मासिक संग्रह भी अब एक लाख करोड़ रुपये के पार हो रहा है. यह सरकार की भी बैलेंस शीट शक्तिशाली करेगा. यह शेयर बाजार के लिए अच्छा संकेत है.
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