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धर्मेंद्र प्रधान ने सीतारमण से की एटीएफ और नेचुरल गैस को जीएसटी के दायरे में लाने की अपील

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नयी दिल्ली : पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से विमान ईंधन (एटीएफ) और प्राकृतिक गैस को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने की अपील की है. क्षेत्र को विभिन्न प्रकार के करों से राहत देने तथा व्यापार माहौल में सुधार के इरादे से उन्होंने यह बात […]

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नयी दिल्ली : पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से विमान ईंधन (एटीएफ) और प्राकृतिक गैस को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने की अपील की है. क्षेत्र को विभिन्न प्रकार के करों से राहत देने तथा व्यापार माहौल में सुधार के इरादे से उन्होंने यह बात कही.

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एक जुलाई, 2017 में जीएसटी पेश किये जाने के बाद एक दर्जन से अधिक केंद्रीय एवं राज्य करों को इसमें समाहित किया गया, लेकिन पांच पदार्थ कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, पेट्रोल, डीजल और विमान ईंधन (एटीएफ) को इसके दायरे से बाहर रखा गया. इसके लिए राज्य सरकारों की राजस्व के लिए इन वस्तुओं पर निर्भरता का हवाला दिया गया.

सेरा वीक के इंडिया एनर्जी फोरम में उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू हुए दो साल से अधिक समय बीत चुका है. इस दौरान पेट्रोलियम उद्योग से सभी पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने की लगातार मांग हो रही है. उन्होंने कहा कि मैं वित्त मंत्री से इस मामले को जीएसटी परिषद के समक्ष उठाने की अपील करता हूं और कम-से-कम प्राकृतिक गैस और एटीएफ को इसके दायरे में लाकर शुरुआत करने का आग्रह करता हूं.

सम्मेलन में सीतारमण को भी शामिल होना था, लेकिन प्रधान के संबोधन के समय वह नहीं पहुंच पायी. प्रधान ने कहा कि पेट्रोलियम क्षेत्र की जटिलता और राजस्व के नजरिये से राज्य सरकारों की इस क्षेत्र पर निर्भरता को देखते हुए पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी व्यवस्था के दायरे से बाहर रखा गया है. एटीएफ और प्राकृतिक गैस को जीएसटी के दायरे में लाने से कंपनियों को कच्चे माल पर दिये जाने वाले कर से राहत मिलेगी, बल्कि ईंधन पर कराधान के मामले में एकरूपता आयेगी. बाद में संवाददाताओं से बातचीत में पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि जीएसटी परिषद इस मामले में उपयुक्त समय पर निर्णय करेगी. परिषद निर्णय लेने वाला शीर्ष निकाय है.

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