नयी दिल्ली : देश के महालेखा नियंत्रक एवं परीक्षक (कैग) राजीव महर्षि को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) में बाहरी लेखा-परीक्षक के तौर पर चुना गया है. उनका कार्यकाल वहां 2020 से 2023 तक रहेगा. सोमवार को एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गयी.
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महर्षि को पिछले महीने जिनेवा में हुई 72वीं विश्व स्वास्थ्य महासभा में बहुमत से चुना गया. भारत के अलावा इस पद के लिए कांगो, फ्रांस, घाना, ट्यूनिशिया, ग्रेट ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड के महालेखा परीक्षक भी दौड़ में शामिल थे.
कैग ने एक बयान में कहा कि राजीव महर्षि मौजूदा डब्ल्यूएचओ के बाहरी लेखा- परीक्षक यानी फिलीपींस के सुप्रीम ऑडिट इंस्टीट्यूशन का स्थान लेंगे. कैग के लिए यह इस साल दूसरा बड़ा अंतरराष्ट्रीय लेखा परीक्षण का काम है. इससे पहले मार्च 2019 में कैग को रोम में खाद्य एवं कृषि संगठन का बाहरी लेखा परीक्षक चुना गया था.
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