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गृह मंत्रालाय ने इंफोसिस फाउंडेशन का पंजीकरण समाप्त किया

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नयी दिल्ली : गृह मंत्रालय ने गैर सरकारी संगठन इंफोसिस फांडेशन के खिलाफ विदेशी अनुदान प्राप्त करने के नियमों के कथित उल्लंघन के मामले में कार्रवाई करते हुए उसका पंजीकरण रद्द कर दिया है. अधिकारियों ने बेंगलुरु के इस संगठन के खिलाफ कार्रवाई की सोमवार को जानकारी दी.

विदेशों से सहायता लेने वलो गैर-सरकारी संगठनों को विदेशी चंदा (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) के तहत पंजीकरण कराना होता है. ऐसे किसी चंदे का हिसाब-किताब संगठन को हर साल वित्त वर्ष समाप्त होने के बाद नौ माह के भीतर सरकार को देना होता है. अधिकारियों के अनुसार, गृह मंत्रालय ने इंफोसिस फाउंडेशन को पिछले साल कारण बताओ नोटिस जारी किया था.

संगठन ने विदेशी धन की प्राप्ति और व्यय का पिछले कुछ साल का वार्षिक ब्योरा नहीं प्रस्तुत किया था. बार-बार अनुस्मारक पत्र जारी किये जाने पर भी उक्त विवरण न देने के कारण उसे नोटिस जारी किया गया था. संपर्क किये जाने पर इंफोसिस फाउंडेशन ने कहा कि उसने गृह मंत्रालय से एफसीआरए पंजीकरण रद्द करवाने के लिए खुद ओवदन किया था और उसकी पैरवी की थी. उसके बाद गृहमंत्रालय ने यह कार्रवाई की.

वर्ष 1996 से शिक्षा, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य सेवा, कला और संस्कृति आदि क्षेत्रों में काम कर रहे फाउंडेशन के जन संपर्क अधिकारी ऋषि बसु ने कहा कि एफसीआरए में 2016 में किये गये संशोधन के बाद उनका संगठन इस अधिनियम के दायरे में नहीं आता.

उन्होंने कहा, ‘हमने मंत्रालय से संपर्क कर इस पर विचार करने को कहा था. हम अनुरोध स्वीकार करने के लिए मंत्रालय को धन्यवाद देते हैं.’ इंफोसिस के संस्थापक चेयरमैन एनआर नारायणमूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति इसकी अध्यक्ष हैं. गृह मंत्रालय ने पिछले साल 1,755 गैर सरकारी संगठनों को नोटिस दिये थे. इसमें कुछ कंपनियां भी हैं.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

नयी दिल्ली : गृह मंत्रालय ने गैर सरकारी संगठन इंफोसिस फांडेशन के खिलाफ विदेशी अनुदान प्राप्त करने के नियमों के कथित उल्लंघन के मामले में कार्रवाई करते हुए उसका पंजीकरण रद्द कर दिया है. अधिकारियों ने बेंगलुरु के इस संगठन के खिलाफ कार्रवाई की सोमवार को जानकारी दी.

विदेशों से सहायता लेने वलो गैर-सरकारी संगठनों को विदेशी चंदा (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) के तहत पंजीकरण कराना होता है. ऐसे किसी चंदे का हिसाब-किताब संगठन को हर साल वित्त वर्ष समाप्त होने के बाद नौ माह के भीतर सरकार को देना होता है. अधिकारियों के अनुसार, गृह मंत्रालय ने इंफोसिस फाउंडेशन को पिछले साल कारण बताओ नोटिस जारी किया था.

संगठन ने विदेशी धन की प्राप्ति और व्यय का पिछले कुछ साल का वार्षिक ब्योरा नहीं प्रस्तुत किया था. बार-बार अनुस्मारक पत्र जारी किये जाने पर भी उक्त विवरण न देने के कारण उसे नोटिस जारी किया गया था. संपर्क किये जाने पर इंफोसिस फाउंडेशन ने कहा कि उसने गृह मंत्रालय से एफसीआरए पंजीकरण रद्द करवाने के लिए खुद ओवदन किया था और उसकी पैरवी की थी. उसके बाद गृहमंत्रालय ने यह कार्रवाई की.

वर्ष 1996 से शिक्षा, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य सेवा, कला और संस्कृति आदि क्षेत्रों में काम कर रहे फाउंडेशन के जन संपर्क अधिकारी ऋषि बसु ने कहा कि एफसीआरए में 2016 में किये गये संशोधन के बाद उनका संगठन इस अधिनियम के दायरे में नहीं आता.

उन्होंने कहा, ‘हमने मंत्रालय से संपर्क कर इस पर विचार करने को कहा था. हम अनुरोध स्वीकार करने के लिए मंत्रालय को धन्यवाद देते हैं.’ इंफोसिस के संस्थापक चेयरमैन एनआर नारायणमूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति इसकी अध्यक्ष हैं. गृह मंत्रालय ने पिछले साल 1,755 गैर सरकारी संगठनों को नोटिस दिये थे. इसमें कुछ कंपनियां भी हैं.

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