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नवीनतम तकनीकों में निवेश पर ज्यादा ध्यान देगी इंफोसिस

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बेंगलूर : भारत की दूसरी सबसे बड़ी आईटी सेवा प्रदाता कंपनी इंफोसिस आउट सोर्सिंग बढ़ाने के लिए स्मार्टफोन एप्स और अन्य नवीनतम तकनीकी में ज्यादा निवेश करने की योजना बना रही है. भारत के 100 बिलियन डॉलर के आईटी मार्केट में इस आकर्षक सौदे की दिशा में काम करने के लिए कंपनी विशेष ध्यान दे […]

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बेंगलूर : भारत की दूसरी सबसे बड़ी आईटी सेवा प्रदाता कंपनी इंफोसिस आउट सोर्सिंग बढ़ाने के लिए स्मार्टफोन एप्स और अन्य नवीनतम तकनीकी में ज्यादा निवेश करने की योजना बना रही है.

भारत के 100 बिलियन डॉलर के आईटी मार्केट में इस आकर्षक सौदे की दिशा में काम करने के लिए कंपनी विशेष ध्यान दे रही है, हालांकि कंपनी पिछले कुछ सालों से परेशानियों को झेल रही है.विशेषज्ञ बताते हैं कि वैश्विक सहयोग के लिए नयी तकनीक बड़ी आवश्यकता है. पिछले कुछ वर्षों में इंफोसिस कंपनी ने छोटे निवेश के जरिये काफी मुनाफा कमाया है. एप्लीकेशन के डेवलपमेंट और उसके मैनटेंनेंस पर इंफोसिस ने काफी काम किया है.

सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी इन्फोसिस ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही मुनाफो में 21.6 प्रतिशत की अच्छी वृद्धि दर्ज की. कंपनी को यूरोपीय बाजार से अच्छी मदद मिली.बेंगलूर की इस कंपनी ने 30 जून 2014 को समाप्त तिमाही के दौरान 2,886 करोड रुपए का शुद्ध मुनाफा दर्ज किया जो पिछले साल की इसी तिमाही के दौरान 2,374 करोड रुपए था. समीक्षाधीन अवधि में कंपनी की समेकित आय 13.3 प्रतिशत बढकर 12,770 करोड रुपए हो गई जो पिछले साल की इसी अवधि में 11,267 करोड रुपए थी. इन्फोसिस के निवर्तमान मुख्य कार्यकारी और प्रबंध निदेशक एसडी शिबूलाल ने कहा, ‘‘हम बेहतर कार्यान्वयन क्षमता के ग्राहकों का भरोसा हासिल करते रहेंगे.’’ शिबूलाल का इन्फोसिस के मुख्य कार्यकारी के तौर पर यह आखिरी संवाददाता सम्मेलन था.

अपने उत्तराधिकारी की नियुक्ति के बारे में शिबूलाल ने कहा ‘‘विशाल सिक्का दूरदर्शी व्यक्ति हैं और मैं उन्हें पिछले कुछ साल से जानता हूं. उनकी टीम बेहतरीन है.’’ यह पूछने पर कि क्या इन्फोसिस सेवा की बजाय उत्पाद पर ज्यादा ध्यान देगी उन्होंने कहा कि करीब 94 प्रतिशत आय सेवा से होती है. उन्होंने कहा ‘‘सेवा पर हमारा ध्यान केंद्रित रहेगा और हम अपने उत्पदों में निवेश जारी रखेंगे.’’ हालांकि समीक्षाधीन अवधि में इन्फोसिस के कर्मचारियों के कंपनी छोडकर जाने की रफ्तार 19.5 प्रतिशत रही जो पिछले साल की इसी अवधि में 16.9 प्रतिशत थी जिससे लगता है कि देश की दूसरी सबसे बडी सूचना प्रौद्योगिकी सेवा कंपनी में आंतरिक समस्या अभी खत्म नहीं हुई है.

पिछले साल जून से कई शीर्ष स्तरीय कार्यकारी कंपनी छोड गए जबकि संस्थापक एन आर नारायणमूर्ति को सेवानिवृत्ति से वापस बुलाया गया था ताकि कंपनी को वृद्धि के मार्ग पर फिर से लाया जा सके. इन्फोसिस के मुख्य परिचालन अधिकारी यू बी प्रवीण राव ने कहा ‘‘कर्मचारियों के कंपनी छोडकर जाने की दर चिंताजनक है और हम अच्छे कर्मचारियों को रोकने के लिए विभिन्न किस्म की पहल कर रहे हैं.’’ वित्त वर्ष 2014-15 के लिए इन्फोसिस ने आय के संबंध में संकीर्ण अनुमान जाहिर किया है और कहा है कि डालर के लिहाज से उसकी आय 7-9 प्रतिशत बढेगी जबकि रपए के हिसाब से इसमें 5.6-7.6 प्रतिशत का इजाफा होगा. यह अनुमान नैस्काम के चालू वित्त वर्ष में डालर के लिहाज से उद्योग की वृद्धि दर 13-15 प्रतिशत रहने के अनुमान से बहुत कम है.

डालर के लिहाज से कंपनी का शुद्ध मुनाफा चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से जून की तिमाही में 15.3 प्रतिशत बढकर 48.2 करोड डालर हो गया जबकि आय 7.1 प्रतिशत बढकर 2.13 अरब डालर हो गई. इन्फोसिस के मुख्य वित्त अधिकारी राजीव बंसल ने कहा, ‘‘लागत ठीक रखने की पहल और उत्पादकता एवं उपयोग बढाने पर ध्यान केंद्रित कर हमने अपना प्रदर्शन सुधारा है.’’ उन्होंने कहा कि इससे मौजूदा तिमाही में कर्मचारियों के वेतन में की गई बढोतरी की आंशिक रुप से भरपाई होती है.

कंपनी ने आलोच्य तिमाही में कुल 11,506 नए कर्मचरियों की नियुक्ति की जिससे कंपनी के कुल कर्मचारियों की संख्या बढकर 1,61,284 हो गई. हालांकि अप्रैल से जून की तिमाही में कंपनी छोडने वाले कर्मचारियों का अनुपात बढ कर 19.5 प्रतिशत रहा. आलोच्य तिमाही में कंपनी का शुद्ध मुनाफा जनवरी-मार्च 2014 की तिमाही के मुकाबले 3.5 प्रतिशत गिरा है. उस तिमाही में यह 2,992 करोड रुपए था. पिछली तिमाही के मुकाबले आय में 0.8 प्रतिशत की गिरावट रही. उस तिमाही में 12,875 करोड रपए की आय थी. इन्फोसिस और इसकी सहयोगी कंपनियों ने जून की तिमाही में 61 नए ग्राहक जोडे.

कंपनी के पास जून 2014 के अंत में 4.94 अरब डालर की नकदी या नकदी समतुल्य परिसम्पत्तियां थीं. गत मार्च में इसकी नकदी 5.04 अरब डालर थी. कर्मचारियों के कंपनी छोडकर जाने के संबंध में शिबूलाल ने संवाददाताओं से कहा कि कंपनी समय पर वेतन दे रही है, तिमाही प्रोन्नति दे रही है, परिवर्ती भुगतान कर रही है और कर्मचारियों को रोकने के लिए तेज गति वाली कैरियर योजना प्रदान कर रही है. इन्फोसिस के वैश्विक मानव संसाधन प्रमुख श्रीकांत मूर्ति ने कहा कि आम तौर पर पहली तिमाही में कर्मचारियांे के नौकरी छोडकर जाने की दर उंची रहती है क्योंकि कई कर्मचारी उच्चतर शिक्षा के लिए नौकरी छोडते हैं.

इन्फोसिस ने इस तिमाही के दौरान 61 नए ग्राहक जोडे. वित्त वर्ष 2014-15 की अप्रैल-जून की तिमाही के दौरान कंपनी की कुल 12,770 करोड रपए की आय में भारतीय क्षेत्र का योगदान 2.4 प्रतिशत रहा. जनवरी से मार्च 2013-14 के दौरान कंपनी की 12,875 करोड रपए की कुल आय में भारतीय क्षेत्र का योगदान 2.6 प्रतिशत थी. कंपनी की आय में उत्तरी अमेरिका का योगदान 60.8 प्रतिशत और यूरोप का योगदान 24.5 प्रतिशत रहा. शेष विश्व का योगदान 12.3 प्रतिशत था. इन्फोसिस पहली भारतीय कंपनी रही जिसने नए कंपनी कानून के तहत कार्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत योगदान किया. कंपनी के आखिरी सह-संस्थापक मुख्य कार्यकारी ने कहा कि वह सिक्का को अपेक्षाकृत अधिक मजबूत इन्फोसिस सौंप रहे हैं.

अपनी सेवानिवृत्ति के बारे में शिबूलाल ने कहा ‘‘यह सफर मजेदार रहा है. अच्छी यात्रा रही. मैं कुछ बेहतरीन लोगों से मिला और यहां एक-एक क्षण का लुत्फ उठाया. मेरा मानना है कि जीवन में परिवर्तन होता है. यह जीवन का हिस्सा है.’’ विश्लेषकों का मानना है कि कंपनी का नतीजा उम्मीद से बेहतर रहा. एंजेल ब्रोक्रि के उपाध्यक्ष :अनुसंधान-सूचना प्रौद्योगिकी: सरबजीत कौर नांगरा ने कहा ‘‘कंपनी का नतीजा परिचालन लाभ और शुद्ध लाभ के नजरिए से उम्मीद से बेहतर रहा हालांकि बिक्री आशा से कम रही.’’ ग्रेहाउंड रिसर्च के मुख्य कार्यकारी संचित वीर गोगिया ने कहा कि इन्फोसिस बदलाव के दौर में है और पिछली तिमाही के मुकाबले बहुत अधिक परिवर्तन की उम्मीद नहीं थी.

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