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नयी दिल्ली :रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति में आयी नरमी को देखते हुये वृहस्पतिवार को लगातार दूसरी बार नीतिगत ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की है. इससे रेपो दर अब पिछले एक साल के निचले स्तर पर आ गयी है. हालांकि, रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति के रुख को तटस्थ बनाये रखा है. गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में मौद्रिक नीति समिति की पिछले दो दिन से चल रही बैठक के बाद वृहस्पतिवार को छह में से चार सदस्यों ने रेपो दर में कटौती का पक्ष लिया.
हालांकि, दो सदस्यों ने दर को यथावत रखने का समर्थन किया. मुख्य ब्याज दर 0.25 प्रतिशत घटाने के बाद छह प्रतिशत पर आ गयी है. इससे बैंकों की रिजर्व बैंक से धन लेने की लागत कम होगी और उम्मीद है कि बैंक इस सस्ती लागत का लाभ आगे अपने ग्राहकों तक भी पहुंचायेंगे.
इससे बैंकों से मकान, दुकान और वाहन के लिये कर्ज सस्ती दर पर मिल सकता है. इससे पहले रिजर्व बैंक ने सात फरवरी 2019 को भी रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर इसे 6.25 प्रतिशत पर ला दिया था. आज हुई दूसरी कटौती के बाद रेपो दर 6 प्रतिशत रह गई. इससे पहले अप्रैल 2018 में भी रेपो दर छह प्रतिशत पर थी. रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत के दायरे में बरकरार रखने के मध्यावधि के लक्ष्य को हासिल करने के साथ आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए रेपो दर में कटौती की गयी है.
RBI cuts repo rate by 25 base points to 6% from 6.25% pic.twitter.com/tnYzGGmFt1
— ANI (@ANI) April 4, 2019
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