एयरवेज के अधिकारी ने कहा, कर्जदाताओं-कर्जदारों की बातचीत से निकल सकता है परिणाम

नयी दिल्ली : नकदी संकट से जूझ रही विमानन कंपनी जेट एयरवेज को लेकर एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने सोमवार को कहा कि इस मामले में दिवाला एवं ऋणशोधन प्रक्रिया अपनाने से बेहतर परिणाम कंपनी और कर्जदाताओं के बीच बातचीत से सामने आ सकते हैं. कॉरपोरेट मामलों के सचिव इंजेती श्रीनिवास ने कहा, ‘‘मुझे लगता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 25, 2019 1:51 PM
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नयी दिल्ली : नकदी संकट से जूझ रही विमानन कंपनी जेट एयरवेज को लेकर एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने सोमवार को कहा कि इस मामले में दिवाला एवं ऋणशोधन प्रक्रिया अपनाने से बेहतर परिणाम कंपनी और कर्जदाताओं के बीच बातचीत से सामने आ सकते हैं. कॉरपोरेट मामलों के सचिव इंजेती श्रीनिवास ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि कर्जदाता और कर्जदार बातचीत कर रहे हैं .

यह सबसे अच्छी प्रक्रिया है.” श्रीनिवास इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या जेट एयरवेज दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता के लिये एक अनुकूल मामला है. उन्होंने कहा, ‘‘यदि कर्जदाताओं और कर्जदारों के बीच बातचीत से बेहतर परिणाम सामने आते हैं तो यह दिवाला एवं ऋणशोधन की प्रक्रिया में जाने से बेहतर होगा, लेकिन यदि दिवाला एवं ऋणशोधन प्रक्रिया ही एकमात्र रास्ता बचा हो तो बैंकों को कदम उठाना होगा.”
श्रीनिवास ने आईबीसी को अंतिम उपाय बताते हुए कहा कि यदि कंपनी के भीतर फिर से स्थिति ठीक करने की क्षमता शेष हो तो कंपनी और कर्जदाताओं दोनों के लिये यही बेहतर है कि वे मामले का समाधान निकालने की कोशिश करें. उन्होंने कहा, ‘‘यदि कर्जदाताओं और शेयरधारकों के बीच कोई करार नहीं है तब आपको आईबीसी सहित अन्य विकल्पों पर गौर करना होगा.”

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