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Jewelery, हस्तशिल्प और हस्तकरघा के सामानों का निर्यात करने में India सबसे आगे

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संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रचनात्मक सामानों के निर्यात में भारत एक अग्रणी देश है और यह लगातार वृद्धि कर रहा है. वर्ष 2014 में भारत से ऐसी वस्तुओं का निर्यात 20.2 अरब डॉलर रहा, जो 2005 के 7.4 अरब डॉलर के मुकाबले करीब तीन गुना है. रचनात्मक सामानों में […]

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संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रचनात्मक सामानों के निर्यात में भारत एक अग्रणी देश है और यह लगातार वृद्धि कर रहा है. वर्ष 2014 में भारत से ऐसी वस्तुओं का निर्यात 20.2 अरब डॉलर रहा, जो 2005 के 7.4 अरब डॉलर के मुकाबले करीब तीन गुना है. रचनात्मक सामानों में आभूषण, हस्तशिल्प और हथकरघा से जुड़े तमाम उत्पाद, कलाकृतियां और गेमिंग से जुड़ी सेवाएं, मनोरंजन सामग्री इत्यादि ऐसी कई वस्तुएं शामिल हैं, जिनमें लोगों की रचनात्मकता का कौशल दिखायी देता है.

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रिपोर्ट के अनुसार, भारत ऐसे उत्पादों का निर्यात करने वाली शीर्ष 10 उभरती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. संयुक्त राष्ट्र व्यापार एवं विकास सम्मेलन (अंकटाड) की रिपोर्ट के अनुसार, रचनात्मक सामान और सेवाओं का सबसे बड़ा निर्यातक और आयातक चीन है. 2002 से 2015 के बीच चीन का रचनात्मक सामान का व्यापार सालाना 14 फीसदी की दर से बढ़ा है.

अंकटाड की ‘रचनात्मक आर्थिक परिदृश्य : रचनात्मक उद्योग में अंतराष्ट्रीय व्यापार का रुख’ रिपोर्ट का यह दूसरा संस्करण है. यह दुनियाभर में रचनात्मक सामानों के उद्योग की समीक्षा करती है. साथ ही, 130 देशों का प्रोफाइल भी तैयार करती है. दूसरे संस्करण की रिपोर्ट में वर्ष 2002 से 2015 के रचनात्मक सामान के कारोबार से जुड़े आंकड़ों का विश्लेषण है.

साथ ही, रिपोर्ट में वैश्विक व्यापार में रचनात्मक सामान के कारोबार के योगदान का भी उल्लेख किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2002 में इन सामानों का वैश्विक बाजार 208 अरब अमेरिकी डॉलर था, जो 2015 में बढ़कर 509 अरब डॉलर तक पहुंच गया. रिपोर्ट में कहा गया है कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं में चीन, हांगकांग (चीन), भारत, सिंगापुर, चीन का ताइवान प्रांत, तुर्की, थाईलैंड, मलेशिया, मेक्सिको और फिलीपींस रचनात्मक सामानों के वैश्विक कारोबार में बेहतर प्रदर्शन करने वाले दुनिया की शीर्ष 10 अर्थव्यवस्थाएं हैं.

वहीं, विकसित देशों में इस श्रेणी में अमेरिका, फ्रांस, इटली, ब्रिटेन, जर्मनी, स्विट्जरलैंड, नीदरलैंड, पोलैंड, बेल्जियम और जापान दुनिया के शीर्ष 10 निर्यातक हैं. भारत का रचनात्मक उत्पाद निर्यात 2005 में 7.4 अरब डॉलर था, जो 2014 में बढ़कर 20.2 अरब डॉलर हो गया. दुनिया में रचनात्मक सामानों में डिजाइन उत्पादों की हिस्सेदारी सबसे अधिक रही. 2014 में इनका हिस्सा 17.9 अरब डॉलर रहा, इसके बाद आभूषणों का 13.2 अरब डॉलर और फैशन उत्पादों का 3.2 अरब डॉलर रहा.

वर्ष 2005 में रचनात्मक सामानों के कारोबार में भारत का सबसे बड़ा भागीदार अमेरिका था, जो 2014 में दूसरे स्थान पर आ गया और पहले स्थान पर संयुक्त अरब अमीरात पहुंच गया. रचनात्मक वस्तुओं के कारोबार में व्यापार संतुलन भारत के पक्ष में है. रिपोर्ट में विशेष उल्लेख किया गया है कि भारत का फैशन उद्योग बढ़ता रहेगा. वर्ष 2014 में भारत का सबसे अधिक रचनात्मक सामान एशिया को 58 फीसदी निर्यात किया गया. इसके बाद 20 फीसदी अमेरिका और 19 प्रतिशत यूरोप को किया गया.

रिपोर्ट के अनुसार, भारत गेमों के विकास और उससे जुड़ी सेवाओं के लिए आउटसोर्स करने वाला प्रमुख केंद्र है. आने वाले सालों में दुनियाभर में गेमों का विकास, डबिंग करने के लिए भारत के प्रमुख केंद्र बनने की संभावना है, क्योंकि यहां लागत कम है और वैश्विक अनुभव वाले गेम डेवलपरों की आसान उपलब्धता भी. रिपोर्ट में कहा गया है कि देश की 35 करोड़ युवा आबादी इसे दुनिया का सबसे बड़ा गेमिंग बाजार बनाती है.

रिपोर्ट के अनुसार, करीब 1.4 करोड़ भारतीय रोजाना फिल्म देखते हैं और इसके लिए औसतन एक दिन के वेतन के बराबर भुगतान करते हैं. इसके लिए बॉलीवुड हर साल करीब 800 फिल्मों का निर्माण करता है, जो अमेरिका की तुलना में लगभग दोगुना है.

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