CBDT Report : तीन साल में वेतनभोगियों, गैर-वेतनभोगियों और कॉरपोरेट टैक्सपेयर्स की बढ़ी औसत आमदनी

नयी दिल्ली : वेतनभोगी और गैर-वेतनभोगी श्रेणी के करदाताओं की संख्या में पिछले तीन साल के दौरान इजाफा हुआ है. साथ ही, इस दौरान इनकी औसत आय भी बढ़ी है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने सोमवार को ताजा आंकड़े जारी करते हुए कहा कि इस अवधि में कॉरपोरेट और व्यक्तिगत करदाताओं द्वारा किये जाने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 22, 2018 5:24 PM

नयी दिल्ली : वेतनभोगी और गैर-वेतनभोगी श्रेणी के करदाताओं की संख्या में पिछले तीन साल के दौरान इजाफा हुआ है. साथ ही, इस दौरान इनकी औसत आय भी बढ़ी है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने सोमवार को ताजा आंकड़े जारी करते हुए कहा कि इस अवधि में कॉरपोरेट और व्यक्तिगत करदाताओं द्वारा किये जाने वाले ‘औसत कर’ भुगतान में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है.

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केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने कहा कि 2014-15 से 2017-18 के आकलन वर्षों के दौरान वेतनभोगी और गैर-वेतनभोगी करदाताओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. इसकी प्रमुख वजह विभाग द्वारा करदाताओं का आधार बढ़ाने के लिए किये जाने वाले प्रयास हैं. इन तीन साल के दौरान वेतनभोगी करदाताओं की संख्या 1.70 करोड़ से बढ़कर 2.33 करोड़ हो गयी. यह 37 फीसदी की वृद्धि है.

सीबीडीटी ने बयान में कहा कि इस दौरान वेतनभोगी करदाताओं द्वारा घोषित औसत आय का आंकड़ा 19 फीसदी बढ़कर 5.76 लाख रुपये से 6.84 लाख रुपये हो गया. वहीं, इस अवधि में गैर-वेतनभोगी करदाताओं की संख्या 1.95 करोड़ से 2.33 करोड़ हो गयी. गैर-वेतनभोगी करदाताओं की औसत आय 27 फीसदी बढ़कर 4.11 लाख रुपये से 5.23 लाख रुपये हो गयी.

कॉरपोरेट करदाताओं की बात की जाये, तो 2014-15 में इस श्रेणी के करदाताओं ने जहां औसतन 32.28 रुपये का कर चुकाया था, वहीं आकलन वर्ष 2017-18 में यह 55 फीसदी बढ़कर 49.95 लाख रुपये हो गया. सीबीडीटी ने कहा कि इस अवधि में व्यक्तिगत करदाताओं द्वारा किये गये औसत कर भुगतान का आंकड़ा 26 फीसदी बढ़कर 46,377 रुपये से 58,576 रुपये हो गया.

सीबीडीटी के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने कहा कि विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि ईमानदार करदाताओं का सम्मान और उनकी हमेशा मदद की जाये. वहीं, कर चोरी करने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी और अभियोजन कार्रवाई की जायेगी. चंद्रा ने कहा कि देश के कुल राजस्व में प्रत्यक्ष कर का हिस्सा सबसे अधिक है. यह फिलहाल 52 फीसदी है. सीबीडीटी ने कहा कि वित्त वर्ष 2013-14 में कर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या 3.31 करोड़ थी, जो 2017-18 में 65 फीसदी बढ़कर 5.44 करोड़ हो गयी.

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