एयरसेल-मैक्सिस मनी लांड्रिंग मामला : ईडी ने चिदंबरम से फिर की पूछताछ

नयी दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एयरसेल-मैक्सिस मनी लांड्रिंग मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम से शुक्रवार को एक बार फिर पूछताछ की. अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि चिदंबरम सुबह ईडी के दफ्तर पहुंचे. मनी लांड्रिंग निरोधक कानून के तहत उनके बयान को रिकॉर्ड किया जायेगा. यह चौथा मौका है, जब कांग्रेस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 31, 2018 7:00 PM
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नयी दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एयरसेल-मैक्सिस मनी लांड्रिंग मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम से शुक्रवार को एक बार फिर पूछताछ की. अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि चिदंबरम सुबह ईडी के दफ्तर पहुंचे. मनी लांड्रिंग निरोधक कानून के तहत उनके बयान को रिकॉर्ड किया जायेगा. यह चौथा मौका है, जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता से पूछताछ की गयी. इससे पहले, उनसे 24 अगस्त को करीब छह घंटे तक पूछताछ की गयी थी. चिदंबरम के बेटे कार्ति से ईडी ने दो बार पूछताछ की है.

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सीबीआई ने जुलाई में इस मामले में आरोपपत्र दाखिल किया था. ईडी अगले पखवाड़े इस संबंध में अभियोजन पत्र दायर कर सकता है. एयरसेल-मैक्सिस मामला विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (एफआईपीबी) द्वारा मेसर्स ग्लोबल कम्युनिकेशन होल्डिंग सर्विसेज लिमिटेड को एयरसेल में निवेश की मंजूरी से जुड़ा है.

सुप्रीम कोर्ट ने 12 मार्च को जांच एजेंसी सीबीआई तथा प्रवर्तन निदेशालय को एयरसेल मैक्सिस मामले में कथित मनी लांड्रिंग समेत 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में छह महीने में जांच पूरी करने को निर्देश दिया था. एजेंसी ने कहा था कि एयरसेल-मैक्सिस एफडीआई मामले में एफआईपीबी मंजूरी मार्च, 2006 में चिदंबरम ने दी थी.

हालांकि, वह केवल 600 करोड़ रुपये तक के निवेश को ही मंजूरी दे सकते थे. इससे अधिक निवेश की मंजूरी के लिये मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति से अनुमति आवश्यक है. इस मामले में 80 करोड़ डॉलर (3,500 करोड़ रुपये) की मंजूरी दी गयी. इसीलिए सीसीईए की मंजूरी जरूरी थी. ईडी इस बात की जांच कर रहा है कि किन परिस्थितियों में वित्त मंत्री द्वारा 2006 में एफआईपीबी की मंजूरी दी गयी.

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