नयी दिल्ली : टाटा स्टील ने गुरुवार को कहा कि वह भूषण स्टील के साहिबाबाद स्थित संयंत्र से ही काम करेगी. टाटा स्टील ने यह साफ कर दिया है कि उसका कर्ज बोझ तले दबी इस कंपनी का राष्ट्रीय राजधानी में कार्यालय रखने का इरादा नहीं है. दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता के तहत टाटा स्टील ने भूषण स्टील का अधिग्रहण किया है.
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कंपनी के इस्पात कारोबार के अध्यक्ष आनंद सेन ने कहा कि हमें दिल्ली में कार्यालय रखने की जरूरत महसूस नहीं हो रही है. उनसे पूछा गया था कि क्या कंपनी ने वार्षिक किराया अनुबंध रद्द कर दिया है. भूषण स्टील के पूर्व प्रवर्तक नीरज सिंघल ने नयी दिल्ली में अपने कॉरपोरेट कार्यालय के लिए लीज करार किया था. सेन ने कहा कि हम साहिबाबाद कारखाने से काम करेंगे. भूषण स्टील के इस संयंत्र में पर्याप्त जगह है और हमें दिल्ली में कार्यालय रखने की जरूरत नहीं है.
यह पूछे जाने पर कि इस कदम से कंपनी को कितनी बचत होगी, उन्होंने कहा कि इस बारे में उन्हें नहीं पता है. हालांकि, इस तरह की खबरें आयी हैं कि इससे कंपनी को सालाना 70 करोड़ रुपये की बचत होगी. इस बीच, सेन ने कहा कि टाटा स्टील ने अपने कलिंगनगर संयंत्र में पहले ही चरण दो का विस्तार शुरू कर दिया है. इससे इस इकाई की क्षमता सालाना 30 लाख टन से बढ़कर 80 लाख टन हो जायेगी. यह 2021 के अंत तक किसी भी समय तैयार हो सकती है.
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