20.1 C
Ranchi
Wednesday, February 12, 2025 | 10:33 pm
20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

उदय योजना से बिजली वितरण कंपनियों का 70 फीसदी तक घटा नुकसान

Advertisement

नयी दिल्ली : उदय योजना से कर्ज में डूबी बिजली वितरण कंपनियों का घाटा पिछले दो साल में 70 फीसदी घटकर करीब 17,350 करोड़ रुपये रह गया. ड्यूश बैंक मार्केट रिसर्च रिपोर्ट में यह कहा गया है. बिजली वितरण कंपनियों को पटरी पर लाने की योजना से उन्हें तकनीकी और वाणिज्यिक नुकसान में 5 फीसदी […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

नयी दिल्ली : उदय योजना से कर्ज में डूबी बिजली वितरण कंपनियों का घाटा पिछले दो साल में 70 फीसदी घटकर करीब 17,350 करोड़ रुपये रह गया. ड्यूश बैंक मार्केट रिसर्च रिपोर्ट में यह कहा गया है. बिजली वितरण कंपनियों को पटरी पर लाने की योजना से उन्हें तकनीकी और वाणिज्यिक नुकसान में 5 फीसदी कटौती लाने में मदद मिली.

इसे भी पढ़ें : झारखंड ‘उदय योजना’ में शामिल देश का पहला राज्य

हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि उदय योजना का जो परिणाम है, वह निर्धारित कड़े लक्ष्य के अनुरूप नहीं है. इसमें कहा गया है कि दो साल में एसीएस (बिजली आपूर्ति की वास्तविक लागत) तथा एआरआर (लागत एवं शुल्क दर) के बीच अंतर कम होकर 0.24 किलोवाट प्रति घंटा या 57 फीसदी घटा है.

सरकार ने बिजली वितरण कंपनियों की वित्तीय स्थिति और परिचालन में सुधार के इरादे से नवंबर 2015 में उदय योजना शुरू की थी. उस समय इन वितरण कंपनियों का संचयी नुकसान 4.3 लाख करोड़ रुपये था. नुकसान में सालाना 60,000 करोड़ रुपये की वृद्धि हो रही थी.

अध्ययन के अनुसार, 2017-18 में इससे पूर्व साल के मुकाबले जिन राज्यों में तकनीकी और वाणिज्यिक नुकसान (एटीएंडसी) में सर्वाधिक कमी आयी वे मणिपुर, जम्मू कश्मीर, असम, राजस्थान और बिहार हैं.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें