Petrol-Diesel की कीमत घटाने के लिए ONGC पर स्पेशल टैक्स लगाने की तैयारी में सरकार

नयी दिल्ली : पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ रही खुदरा कीमतों को कम करने के स्थायी समाधान ढूंढ रही सरकार ओएनजीसी जैसे घरेलू तेल उत्पादकों पर अप्रत्याशित लाभ पर कर लगा सकती है. गतिविधियों के जानकार सूत्रों ने कहा कि यह इस तरह का कर उपकर के रूप में आरोपित किया जा सकता है और यह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 24, 2018 6:47 PM

नयी दिल्ली : पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ रही खुदरा कीमतों को कम करने के स्थायी समाधान ढूंढ रही सरकार ओएनजीसी जैसे घरेलू तेल उत्पादकों पर अप्रत्याशित लाभ पर कर लगा सकती है. गतिविधियों के जानकार सूत्रों ने कहा कि यह इस तरह का कर उपकर के रूप में आरोपित किया जा सकता है और यह कच्चे तेल के भाव 70 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर जाते ही प्रभावी हो जायेगा. इसके तहत तेल उत्पादकों को 70 डॉलर प्रति बैरल के भाव से ऊपर की किसी भी कमाई को कर के रूप में देना होगा.

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सूत्रों ने कहा कि इस तरह वसूल होने वाले राजस्व का उपयोग पेट्रोलियम ईंधन का खुदरा कारोबार करने वाली कंपनियों की मदद के लिए किया जायेगा, ताकि वे तेल की कीमतें को एक स्तर से ऊपर जाने से रोकने में समर्थ हों. ग्राहकों को तुरंत राहत देने के लिए इसे उत्पाद शुल्क में मामूली बदलाव के साथ लागू किया जा सकता है. साथ ही, खुदरा कीमतों में बड़ी कमी दर्शाने के लिए राज्य सरकारों से भी बिक्री कर या मूल्यवर्धित कर (वैट) घटाने के लिए कहा जायेगा.

सूत्रों ने कहा कि सरकार का विचार सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्र के तेल उत्पादकों पर उपकर लगाने का है, ताकि सार्वजनिक तेल उत्पादकों द्वारा इसका विरोध नहीं किया जा सके. इसी तरह का कर लगाने का विचार 2008 में भी किया गया था, जब तेल कीमतें उच्च स्तर पर थी, लेकिन केयर्न इंडिया जैसी निजी कंपनियों के विरोध के बाद इसे ठंडे बस्ते में डालना पड़ा था.

सूत्रों ने कहा कि अप्रत्याशित लाभ पर कर को सरकार बढ़ीं कीमतों से निपटने के लिए स्थायी समाधान के विकल्प के रूप में विचार कर रही है. ब्रिटेन और चीन जैसे देशों में इस प्रकार के कर का प्रयोग किया जा चुका है.

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