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वॉशिंगटन : माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स ने कहा कि प्रौद्योगिकी के उपयोग और साहसिक फैसले कर के भारत समावेशी विकास में ऊंची छलांग लगा सकता है. साथ ही, इससे देश में स्वास्थ्य एवं शिक्षा की गुणवत्ता सुधारेगी. सामाजिक-आर्थिक सुधारों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया अभियान की सराहना करते हुए गेट्स ने कहा कि डिजीटलीकरण गुणवत्ता की निगरानी और शिक्षा व्यवस्था में मदद कर सकता है.
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गेट्स ने एक साक्षात्कार में कहा कि यदि आप आबादी के पोषण और स्वास्थ्य का ध्यान रखते हैं और शिक्षा व्यवस्था में सुधार करते हैं, तो इससे भारत को काफी फायदा होगा. गेट्स से जब पूछा गया कि क्या डिजीटाइजेशन और आधुनिक तकनीक भारत के आदर्श समाज बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद कर सकती है. इस पर उन्होंने कहा कि हां , बिल्कुल कर सकता है.
उन्होंने कहा कि भारत को नवजात शिशुओं की जीवन प्रत्याशा बढ़ाने, बच्चों के कुपोषण मुक्त विकास, सुरक्षित प्रसव की दिशा में अभी काफी प्रगति करनी है. इन चीजों को दूर करने में भारत को अभी 20 से 25 वर्षों का समय लगेगा. गेट्स ने कहा इससे स्त्री-पुरुष असमानता कम करने में भी मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि नवाचार और बेहतर निगरानी विकास की प्रक्रिया में वास्तव में तेजी ला सकती है.
जनसंख्या के आधार पर गेट्स ने भारत को युवा देश करार दिया है. उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा उठाये गये कदमों की सराहना की. गेट्स ने कहा कि मोदी ने वित्तीय समावेशन, स्वच्छता, नये टीके समेत टीकाकरण में सुधार जैसे कदम उठाए हैं, जो मुझे लगता है कि वाकई में अच्छे हैं.
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