नयी दिल्ली : प्रमुख दूरसंचार कंपनी एयरटेल ने कहा है कि ट्राई द्वारा कॉल टर्मिनेशन शुल्क में कमी तथा शुल्क दरों की मौजूदा लड़ाई का असर उसके वित्तीय निष्पादन पर पड़ा है.कंपनी को चौथी तिमाही में उसके भारतीय कारोबार के परिचालन में 652 करोड़ रुपये का घाटा हुआ.

भारती एयरटेल के मुख्य वित्तीय अधिकारी निलांजन राय ने यह बात कही. उन्होंने कहा, आलोच्य तिमाही में कंपनी के एकीकृत कारोबार में 10.5 प्रतिशत कमी आयी. उन्होंने कहा​ कि यह गिरावट भारतीय खंड में मोबाइल राजस्व और एयरटेल के व्यावसाय में कमी के कारण आयी.

उन्होंने कहा, घरेलू व अंतरराष्ट्रीय टर्मिनेशन शुल्कों में कटौती के साथ साथ मोबाइल खंड में प्रति उपयोक्ता औसत आय (एआरपीयू) पर लगातार दबाव के चलते ऐसा हुआ.

एक समय में देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी एयरटेल ने 15 साल में सबसे कम तिमाही मुनाफा दर्ज किया है. जून 2003 की तिमाही के बाद कंपनी का यह सबसे कम मुनाफा है.

भारती एयरटेल ने कहा कि जनवरी-मार्च तिमाही में उसे 652 करोड़ रुपये का घाटा हुआ. एयरटेल का एआरपीयू आलोच्य तिमाही में 26.7 प्रतिशत घटकर 116 करोड़ रुपये रह गया. भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकार ट्राई ने घरेलू मोबाइल टर्मिनेशन शुल्क (एमटीसी) को एक अक्तूबर 2017 को 14 पैसे से घटाकर छह पैसे प्रति मिनट कर दिया.

इसी तरह अंतरराष्ट्रीय एमटीसी को 53 पैसे से घटाकर 30 पैसे प्रति मिनट किया गया है, जो एक फरवरी 2018 से प्रभावी हुआ. देश की इस सबसे बड़ी मोबाइल कंपनी भारती एयरटेल ने जनवरी-मार्च की तिमाही में एकीकृत आधार पर 82.9 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया जबकि पूर्व वर्ष की समान अवधि में यह मुनाफा 373.4 करोड़ रुपये रहा था.

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