कारखानों में उत्पादन धीमा रहने से फरवरी में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धिदर में मामूली गिरावट

नयी दिल्ली : कारखानों में उत्पादन का काम धीमा रहने से फरवरी में भारतीय विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर में जनवरी के मुकाबले मामूली गिरावट देखी गयी. इसमें मामूली गिरावट दर्ज होने के पीछे कारोबारी ऑर्डरों में नरमी आना भी है. इसे भी पढ़ेंः विनिर्माण क्षेत्र का खराब प्रदर्शन, सितंबर में औद्योगिक वृद्धि दर गिर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 28, 2018 3:34 PM
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नयी दिल्ली : कारखानों में उत्पादन का काम धीमा रहने से फरवरी में भारतीय विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर में जनवरी के मुकाबले मामूली गिरावट देखी गयी. इसमें मामूली गिरावट दर्ज होने के पीछे कारोबारी ऑर्डरों में नरमी आना भी है.

इसे भी पढ़ेंः विनिर्माण क्षेत्र का खराब प्रदर्शन, सितंबर में औद्योगिक वृद्धि दर गिर कर 3.8 प्रतिशत

कंपनियों के परचेजिंग मैनेजरों के बीच किया जाने वाले मासिक सर्वेक्षण निक्की इंडिया विनिर्माण परचेजिंग मैनेजर इंडेक्स (पीएमआई) फरवरी में 52.1 अंक रहा, जो जनवरी में 52.4 अंक था. यह परिचालन हालात में बेहतरी को दिखाता है. यह लगातार सातवां महीना है, जब पीएमआई सूचकांक 50 से ऊपर रहा है.

पीएमआई का 50 से ऊपर रहना क्षेत्र में विस्तार अथवा वृद्धि को दर्शाता है. वहीं, इसका 50 के स्तर से नीचे रहना क्षेत्र में संकुचन को दिखाता है. आईएचएस मार्किट में अर्थशास्त्री और इस रपट की लेखिका आशना डोढिया ने कहा कि यह बेहद अच्छा है कि भारतीय विनिर्माण क्षेत्र वृद्धि के दायरे में बना रहा है, जबकि वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) का प्रभाव नकारात्मक रहा था.

विनिर्माण क्षेत्र में इस वृद्धि की प्रमुख वजह विनिर्माण उत्पादन का बढ़ना है. वहीं, घरेलू और विदेशी बाजारों से मांग बढ़ने की रिपोर्ट है, जिससे नया कारोबार हुआ है. हालांकि, जनवरी के मुकाबले यह वृद्धि कम है.

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