GST रिटर्न को आसान बनाने के लिए समिति गठित, जानें पूरी बात…!

नयी दिल्ली: सरकार ने जीएसटीएन के चेयरमैन अजय भूषण पांडे की अध्यक्षता मेंमंगलवारको एक समिति गठित की जो कि मौजूदा वित्त वर्ष में रिटर्न फाइलिंग की जरूरतों पर विचार करेगी. इस समिति में गुजरात, कर्नाटक, पंजाब और आंध्र प्रदेश के कर आयुक्त शामिल हैं. समिति सुझाव देगी कि क्या नियमों, कानून और प्रारूप में किसी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 21, 2017 9:22 PM
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नयी दिल्ली: सरकार ने जीएसटीएन के चेयरमैन अजय भूषण पांडे की अध्यक्षता मेंमंगलवारको एक समिति गठित की जो कि मौजूदा वित्त वर्ष में रिटर्न फाइलिंग की जरूरतों पर विचार करेगी.

इस समिति में गुजरात, कर्नाटक, पंजाब और आंध्र प्रदेश के कर आयुक्त शामिल हैं. समिति सुझाव देगी कि क्या नियमों, कानून और प्रारूप में किसी तरह के बदलाव की जरूरत है.

समिति अपनी रपट 15 दिसंबर तक दाखिल कर देगी. पांडे ने कहा, सरलीकरण के लिए हम विशेषज्ञों से चर्चा करेंगे तथा विभिन्न भागीदारों की राय लेंगे.

इसके पीछे हमारा कुल मिला कर उद्देश्य यही है कि मामूली कारोबार वाले या भविष्य में इस्तेमाल के लिए पंजीकरण करा चुके लोगों के लिए जीएसटीआर-1 और जीएसटीआर-3बी दाखिल करना आसान बनाया जा सके.

जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) पोर्टल पर रिटर्न दाखिल करने वाली लगभग 40 प्रतिशत इकाइयों की कर देनदारी शून्य है.

जीएसटी परिषद ने रिटर्न फाइल करने की प्रक्रिया सरल बनाने के उपाय सुझाने के लिए यह समिति गठित की है.

इसके साथ ही जीएसटीआर-2 व जीएसटीआर-3 की फाइलिंग को 31 मार्च तक स्थगित रखने का फैसला किया गया है.

जीएसटीआर-1 में माल की बिक्री का ब्यौरा होता है, जबकि जीएसटीआर-2 में खरीदे गये माल की जानकारी रहती है. जीएसटीआर-3बी खरीद और बेचे गये माल का मिलान होता है.

कितना माल खरीदा और कितना बेचा गया. कारोबारी इकाइयों को अब मार्च तक जीएसटीआर-1 बिक्री रिटर्न के साथ जीएसटीआर- 3बी दाखिल करनी होगी.

पांडे ने कहा, समिति प्रक्रिया को सरल बनाने पर विचार करेगी क्योंकि सभी (जीएसटी रिटर्न) आपस में संबद्ध हैं.

उन्होंने कहा कि समिति इस पर भी विचार करेगी कि रिटर्न में कौन सी सूचना को ली जानी चाहिए और कितने अंतराल में इसे लिया जाना चाहिए. आखिरकार हमारा लक्ष्य लोगों को सुविधा देना है. जो भी रिटर्न दाखिल कर रहे हैं वह आसानी से यह काम कर सकें.

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