Moodys Rating से उत्साहित जेटली के तंज पर यशवंत ने किया कटाक्ष, संसद में करें मिडनाइट सेरेमनी

नयी दिल्ली : अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वित्त मंत्री रहे और भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा अर्थव्यवस्था को लेकर इन दिनों मोदी सरकार के वित्त मंत्री अरुण जेटली को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं. मौके-बेमौके वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के नोटबंदी और जीएसटी जैसे बड़े वित्तीय फैसलों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 18, 2017 3:28 PM
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नयी दिल्ली : अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वित्त मंत्री रहे और भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा अर्थव्यवस्था को लेकर इन दिनों मोदी सरकार के वित्त मंत्री अरुण जेटली को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं.

मौके-बेमौके वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के नोटबंदी और जीएसटी जैसे बड़े वित्तीय फैसलों की आलोचना करते रहते हैं.

इसी बीच शुक्रवार को रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारत की रेटिंग को अपग्रेड किया, तो यशवंत सिन्हा और अरुण जेटली के बीच एक बार फिरसे वार-पलटवार का सिलसिला चल पड़ा है.

दरअसल, मूडीज द्वारा सरकार के फैसलों पर मुहर लगने से खुशी जताते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था, यह उत्साहवर्धक है कि एक अंतरराष्ट्रीय संस्था और उनकी तरफ से मिल रहे विकास कार्य को मिले समर्थन से हम बेहतर करने की ओर अग्रसर हैं.

इसके साथ ही वित्त मंत्री ने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा था, ऐसे कई लोग जिनके मन में भारत के आर्थिक सुधार प्रक्रिया पर शक था अब उन्हें अब अपने रुख पर गंभीरता से चिंतन करना होगा.

यहां शायद अरुण जेटली का इशारा भूतपूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा की तरफ था, जो मोदी सरकार की नीतियों, खासकर अर्थव्यवस्था से जुड़े फैसलों की आलोचना करने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं.

इसके जवाब में यशवंत सिन्हा ने मूडीज की रेटिंग सेअसंतोष जताते हुए सरकार की खुशी पर जोरदार कटाक्ष किया. उन्होंने ट्वीट कर कहा, हमें संसद के सेंट्रल हॉल में एक मिडनाइट सेरिमनी का आयोजन कर मूडीज की रेटिंग अपग्रेड पर खुशी मनानी चाहिए और स्टैंडर्ड एंड पुअर्स की निंदा करनी चाहिए.

बताते चलें कि मोदी सरकार ने मिडनाइट सेरेमनी के साथ देश में जीएसटी के लांच की आधिकारिक घोषणा की थी.

ऐसे में मिडनाइट सेशन यशवंत सिन्हा का इशारा शायद इसी ओर था.वहीं, स्टैंडर्ड और पुअर्स का जिक्र उन्होंने इसलिए किया है क्योंकि इस एजेंसी ने भारत को एक दशक से निवेश के मामले में सबसे निचली श्रेणी में रखा है.

यशवंत सिन्हा यहीं नहीं रुके. इसके बाद एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा है – दिक्कत यह है कि जब बाहरी एजेंसियां हमारी तारीफ करती हैं, तो हम खुश होते हैं और जब हमारी आलोचना होती है तो हम उनकी निंदा करते हैं. हमें स्थिर होना चाहिए.

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