दिसंबर में होने वाली RBI की मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट में कटौती की उम्‍मीद

नयी दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक छह दिसंबर को अपनी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों में कटौती कर सकता है. बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच (बोफा-एमएल) की एक रपट में यह निष्कर्ष निकाला गया है. रपट में कहा गया है कि खुदरा मुद्रास्फीति अभी स्थिर है और अक्तूबर में इसके 3.3 फीसदी रहने का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 30, 2017 4:43 PM
an image

नयी दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक छह दिसंबर को अपनी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों में कटौती कर सकता है. बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच (बोफा-एमएल) की एक रपट में यह निष्कर्ष निकाला गया है. रपट में कहा गया है कि खुदरा मुद्रास्फीति अभी स्थिर है और अक्तूबर में इसके 3.3 फीसदी रहने का अनुमान है. बोफा-एमएल के शोध नोट में कहा गया है, हमारा मानना है कि रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) छह दिसंबर को ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती करेगी.

इसमें कहा गया है कि मुख्य उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति को सातवें वेतन आयोग के बाद आवास किराया भत्ते (एचआरए) के लिए समायोजित किया गया था. अब यह नीचे आ रहा है और एचआरए का प्रभाव काफी हद तक सांख्यिकी की दृष्टि से ही रह गया है. वैश्विक ब्रोकरेज ने कहा कि हमारा अनुमान है कि अक्तूबर में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति सितंबर के 3.3 फीसदी पर ही कायम रहेगी.

ये भी पढ़ें… एयरटेल की नयी पेशकश 1,349 रुपये का 4जी फोन, 169 रुपये के मासिक पैक

रपट में कहा गया है कि वृद्धि के नरम आंकड़ों से ब्याज दरों में कटौती की गुंजाइश बनती है. रपट में कहा गया है कि दिसंबर में नीतिगत दरों में कटौती से व्यस्त औद्योगिक सत्र से पहले कर्ज की ब्याज दरों में कमी का संकेत मिलेगा. विशेष रूप से यह देखते हुए कि सरकार ऋण की आपूर्ति बढ़ाने के लिए बैंकों में पूंजी डालने जा रही है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Exit mobile version