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नयी दिल्ली : दूरसंचार क्षेत्र आधार सत्यापन के लिए अभी भारतीय विशेष पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) से स्वीकृत करीब 13.8 लाख कूटलेखित बायोमीट्रिक डिवाइस का इस्तेमाल कर रहा है.
प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय भूषण पांडेय ने यह जानकारी दी. पांडेय ने बताया, दूरसंचार क्षेत्र में करीब 13.8 लाख फिंगरप्रिंट डिवाइस को नयी कूटलेखन पद्धति के तहत पंजीकृत डिवाइस में उन्नयन कर दिया गया है.
दूरसंचार उद्योग अब पूरी तरह संबंधित नियमन के तहत आ गया है. उन्होंने आगे कहा कि नये बायोमीट्रिक डिवाइस में आधुनिक एनक्रिप्शन (कूटलेखन) पद्धति अपनायी गयी है.
पांडेय ने कहा, विभिन्न क्षेत्रों में वितरित 20 लाख डिवाइस में से करीब 15 लाख का उन्नयन किया जा चुका है. कई बैंक भी अपने बायोमीट्रिक डिवाइस को उन्नयन करने की प्रक्रिया में हैं.
पांडेय ने मौजूदा फिंगरप्रिंट डिवाइसों में नये सुरक्षा फीचर शामिल करने की वृहद कोशिशों की सराहना करते हुए कहा कि इससे डेटा का दुरुपयोग नहीं हो पाना सुनिश्चित होता है.
उन्होंने कहा, यह तीसरे ताले की तरह है. पहला ताला डेटा जमा करते समय का कूटलेखन है. इसके बाद यह दूरसंचार कंपनियों के पास कूटलेखित होता है और अंतत: हमारे पास अपना कूटलेखन है.
उल्लेखनीय है कि सरकार ने इस साल शुरुआत में मोबाइल कंपनियों को कहा था का वे अपने मौजूदा प्रीपेड तथा पोस्टपेड उपभोक्ताओं का आधार सत्यापन करें. इसके अलावा हर नये कनेक्शन के लिए भी आधार अनिवार्य कर दिया गया है.
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