बैंक में मिनिमम बैलेंस को लेकर न हों परेशान…पढ़ें यह खबर

पिछले कुछ महीनों से बैंक उपभोक्ता अपने मिनिमम बैलेंस को लेकर परेशान है क्योंकि उनके खाते से पैसे काट लिये जा रहे हैं. इसका मुख्य वजह है उपभोक्ताओं को मिनिमम बैलेंस प्रावधान के बारे में जानकारी नहीं होना. अगर आप भी बैंकों की मिनिमम बैलेंस अकाउंट की शर्त से परेशान हैं तो आप बेसिक सेविंग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 9, 2017 12:13 PM
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पिछले कुछ महीनों से बैंक उपभोक्ता अपने मिनिमम बैलेंस को लेकर परेशान है क्योंकि उनके खाते से पैसे काट लिये जा रहे हैं. इसका मुख्य वजह है उपभोक्ताओं को मिनिमम बैलेंस प्रावधान के बारे में जानकारी नहीं होना. अगर आप भी बैंकों की मिनिमम बैलेंस अकाउंट की शर्त से परेशान हैं तो आप बेसिक सेविंग बैंक डिपाजिट अकाउंट (बीएसबीडीए) खोल कर इससे निजात पा सकते है.
बीएसबीडीए रेगुलर सेविंग अकाउंट से अच्छा ऑप्शन है, क्योंकि इसमें आपको खाता खोलने के बाद एवरेज मंथली बैलेंस और मिनिमम बैलेंस रखने की जरूरत नहीं है. रिजर्व बैंक की तरह सभी बैंकों को आदेश है कि वे नया अकाउंट खुलवाने वाले हर व्‍यक्ति को इस सुविधा के बारे में बताएं. आप अपने रेगुलर सेविंग अकाउंट को बेहतर तरीके से मैनेज करने के लिए सेकंडरी अकाउंट खुलवा सकते हैं.
ब्‍याज दर में अंतर नहीं
रेगुलर और जीरो बैलेंस अकाउंट में जमा राशि पर ब्‍याज दर में कोई अंतर नहीं होता है. रेगुलर अकाउंट की तरह जमा, निकासी, एटीएम, चेक बुक और ऑनलाइन फंड ट्रांसफर जैसी सभी सुविधाएं मिलती हैं.
खाते के लिए योग्‍यता
उम्र और आमदनी के आधार पर बैंक योग्‍यता की शर्तें रखते हैं, हालांकि रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देश के मुताबिक बैंकों को सलाह दी जाती है कि वे बीएसबीडीए अकाउंट केलिए उम्र और आमदनी जैसी शर्तें न लगाएं.
बेसिक सेविंग बैंक डिपाजिट अकाउंट की शर्तें
एक व्यक्ति को किसी भी बैंक में महज एक ही मूल बचत बैंक खाता खोलने की इजाजत है.कोई भी इस योजना के तहत अपना बैंक खाता खोल सकता है. अगर वह उस बैंक में कोई दूसरा खाता किसी अन्य सेवा वर्ग के तहत खोलता है तो 30 दिनों के भीतर पुराने खाते को बंद करना पड़ता है.
किसके लिए अच्छा है बीएसबीडीए खोलना
वैसे तो मिनिमम बैलेंस अकाउंट सब खोलना चाहते हैं, लेकिन कुछ श्रेणी के लोगों के लिए जैसे छात्रों, वरिष्ठ नागरिकों और प्रोफेशनल्स जिन्होंने अपने करियर की शुरुआत की हो, उन लोगों को न्यूनतम बैलेंस रखने में काफी मुश्किलें आती हैं.
इस वजह से उनके लिए ये बीएसबीडीए अकाउंट खोलना सबसे लाभदायक है. इसके अलावा, यह खाता खुलवाना उन लोगों के लिए भी अच्छा है, जिनका 3-5 बैंकों में खाते हैं.
इस प्रकार उन्हें प्रत्येक अकाउंट में न्यूनतम बैलेंस रखने में परेशानी होती है. ऐसे में आप एक प्राथमिक खाते को असीमित लेनदेन के लिए और एक बीएसबीडीए खाते को सीमित लेनदेन के लिए रखने पर विचार कर सकते है. ऐसा करने से आप मिनिमम बैलेंस के दंड से भी बच पायेंगे
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सीमित लेन-देन
रिजर्व बैंक ने निकासी या जमा पर कोई पाबंदी नहीं लगा रखी है, लेकिन बैंकों ने चार महीने में आधिकतम निकासी की सीमा तय कर रखी है इसमें एटीएम, आरटीजीएस, एनईएफटी, ईएमआई और ब्रांच से कैश निकासी शामिल है. हालांकियह बैंकों पर निर्भर नहीं है कि वे अलावा निकासी पर शुल्‍क लगाते हैं या नहीं
खोल सकते हैं केवल एक अकाउंट
मौजूदा सेविंग अकाउंट को आप बीएसबीडीए में नहीं बदल सकते हैं. आप नया अकाउंट खोल सकते हैं. एक ग्राहक एक बैंक में केवल एक ही बीएसबीडीए अकाउंट खोल सकता है. इस खाते के तहत ग्राहक को 1 लाख रुपये से ज्यादा का कर्ज नहीं दिया जा सकता.खाते में एक बार में 50 हजार रुपये से ज्यादा की राशि जमा नहीं होनी चाहिए. एक माह में अधिकतम दस हजार रुपये ही इस खाते से किसी दूसरे में अकाउंट ट्रांसफर और निकले जा सकते हैं.
सैयद मुजफ्फरउद्दीन, मुख्य प्रबंधक, स्टेट बैंक

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