10 साल में भारत बनेगा दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था : HSBC

नयी दिल्ली : भले ही कुछ सुधारों के कारण देश की जीडीपी वृद्धि दर प्रभावित हुई हो, लेकिन मध्यम अवधि में संभावना उत्साहजनक दिखाई देती है. वृद्धि प्रवृत्ति को देखते हुए भारत अगले दशक में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन सकता है. एचएसबीसी की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है. वैश्विक वित्तीय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 29, 2017 7:15 PM
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नयी दिल्ली : भले ही कुछ सुधारों के कारण देश की जीडीपी वृद्धि दर प्रभावित हुई हो, लेकिन मध्यम अवधि में संभावना उत्साहजनक दिखाई देती है. वृद्धि प्रवृत्ति को देखते हुए भारत अगले दशक में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन सकता है.

एचएसबीसी की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है. वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी के अनुसार, हालांकि पिछले साल के कुछ सुधारों से आर्थिक वृद्धि के रास्ते में बाधा उत्पन्न हुई है, जिससे संभवत: अल्पकाल में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर कम हुई है.

लेकिन मध्यम अवधि में उन सुधारों से भारत की क्षमता का पूरा उपयोग होना चाहिए. एचएसबीसी ने एक शोध रिपोर्ट में कहा, हालांकि आज वैश्विक जीडीपी का केवल 3 प्रतिशत है, लेकिन भारत की वृद्धि की प्रवृत्ति को देखने से लगता है कि यह अगले दशक में जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जायेगा.

रिपोर्ट के अनुसार, भारत दो दुनिया में फंसा है. एक जहां वृद्धि धीमी है, दूसरे जहां आर्थिक वृद्धि सुधर रही है. एचएसबीसी ने कहा, पहला भारत को चालू वित्त वर्ष और अगले वित्त वर्ष (2017-18, 2018-19) में देखा जायेगा.

यहां भारत मुख्य क्षेत्रों में कमजोर वृद्धि का सामना कर रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, हमारे विचार से दूसरा भारत वित्त वर्ष 2019-20 और उसके बाद दिखेगा. यहां भारत और आकर्षक होगा.

इसके आधार पर एचएसबीसी का मानना है कि भारत की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत रहेगी, जो पिछले वित्त वर्ष 2016-17 के 7.1 प्रतिशत के मुकाबले कम है.

वहीं 2018-19 में इसके 7.0 प्रतिशत रहने का अनुमान है. वहीं 2019-20 में यह बढ़ कर 7.6 प्रतिशत हो जायेगी. उल्लेखनीय है कि देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 5.7 प्रतिशत पर आ गयी, जो तीन साल का न्यूनतम स्तर है.

इसका मुख्य कारण विनिर्माण क्षेत्र में नरमी के बीच नोटबंदी का प्रभाव है. एचएसबीसी का मानना है कि 2019-20 के बाद मौजूदा सुधारों के कारण उत्पन्न अल्पकालीन बाधाएं दूर हो जायेंगी.

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