नयी दिल्ली : केंद्र सरकार के कर्मचारियों की न्यूनतम तनख्वाह 18 हजार रुपये से 21 हजार रुपये करने पर लगभग सहमति बन गयी है. वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने यह जानकारी दी है. हालांकि केंद्र सरकार के कर्मियों ने न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपये तय करने की मांग की थी. कर्मचारी संगठनों की मांग पर सरकार ने इसके लिए विसंगति समिति यानी एनोमली कमेटी का गठन किया था.सरकारकी ओरसे यह कमेटीकर्मचारी संघों से वार्ता कर रही थी. अब सूत्रों काकहना है कि एनोमली कमेटी न्यूनतम वेतन 21 हजार रुपये करने पर सहमत हो गयी है. संभव है इस समिति की सिफारिश पर सरकार जल्द इस फैसले को लागू करे. ध्यान रहे कि केंद्रीय कैबिनेट पूर्व में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद इसे न्यूतनम 18 हजार रुपये करने को स्वीकृत कर चुका है.
कुछ समय पहले वित्तमंत्री अरुण जेटली ने केंद्रीय कर्मचारियोंके न्यूनतम वेतन में पुन: संशोधन करने का संकेत दिया था. उन्होंने कहा था कि केंद्रीय कर्मियों का न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपयेसाातवें वेतन आयोग की सिफारिश की आधार पर तय किया गया है, पर सरकार संबंधित पक्षोंसेवार्ताके आधार पर वृद्धि करनेपर विचार कर सकती है.कर्मचारी संघों की दलीलरही है किकर्मियों का वेतनऔर बढ़नाचाहिए ताकि वे लंबे समय तक सेवा में बनेरहेंऔर बेहतर कार्य प्रदर्शन करें.
उल्लेखनीय है कि सातवें वेतन आयोग ने न्यूनतम वेतन को सात हजार रुपये से 18 हजार रुपये करने की सिफारिश की थी, वहीं अधिकतम वेतन को 80 हजार रुपये 2.25 लाख रुपये करने की सिफारिश की थी और कैबिनेट सेक्रेटरी के लिए यह सीमा 2.50 लाख रुपये थी. वेतन में संशोधन फिटमेंट फैक्टर के आधार पर किया जाता है. मौजूदा फिटमेंट फैक्टर के आधार पर यह 2.57 गुणा है और यह सभी स्तर के कर्मचारियों पर सामान्य रूप से लागू होता है. लेकिन, अगर निचले स्तर के कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 21 हजार रुपये हो जाता है यह 3.0 गुणा हो जायेगा. जबकि न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपये करने की मांग को लागू किया जाने पर यह 3.68 गुणा हो जायेगा.
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